- बाबा वेंगा ने भविष्यवाणी की है कि 2026 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसानों के नियंत्रण से बाहर हो सकता है
- बाबा वेंगा का असली नाम वांगेलिया पांडेवा दिमित्रोवा था और वे बुल्गारिया की प्रसिद्ध रहस्यवादी थीं
- उन्होंने 12 वर्ष की उम्र में आंखों की रोशनी खो दी थी और कहा जाता है कि भविष्य देखने की शक्ति प्राप्त की थी
क्या 2026 में दुनिया का कंट्रोल इंसानों के हाथ से निकलकर किसी और के हाथ में जाने वाला है जो नया मास्टर या मालिक बनेगा? यह खतरनाक भविष्यवाणी किसी और ने नहीं बाबा वेंगा ने की है. उससे भी खास बात यह है कि बाबा वेंगा कि इस डरावनी भविष्यवाणी के विलेन को हम और आप अच्छी तरह से जानते हैं, अभी उसका इस्तेमाल अपने कामों को आसान बनाने के लिए करते हैं. दरअसल भविष्य देखने वालों में दुनिया में अभी सबसे बड़ा नाम नास्त्रेदमस को माना जाता है. वहीं दूसरा नाम "बाल्कन की नास्त्रेदमस" कहीं जाने वालीं बाबा वेंगा का आता है. बाबा वेंगा कि हर भविष्यवाणी उनके फॉलोवर्स को सोचने पर मजबूर कर देती है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि बुल्गारिया की मशहूर रहस्यवादी बाबा वेंगा की कई भविष्यवाणियां सही साबित हुई हैं.
2026 के लिए बाबा वेंगा की भविष्यवाणी
नास्त्रेदमस की तरह भी बाबा वेंगा ने अपनी भविष्यवाणियां पहेलियों में की हैं. रिपोर्ट्स की माने तो वंगा ने यह संकेत दिया कि 2026 वह वर्ष हो सकता है जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इतना एडवांस हो जाएगा या इतना पावरफुल हो जाएगा जो मानवता के पक्ष में नहीं हो सकता है. उन्होंने कथित तौर पर चेतावनी दी कि AI इस साल इंसानों के नियंत्रण से परे जा सकता है और मानव जीवन पर हावी होना शुरू कर सकता है. वैसे सच्चाई तो यह भी है कि पिछले 1-2 सालों में जिस तेज गति से AI आगे बढ़ रहा है, उसे देखते हुए बाबा वेंगा कि भविष्यवाणी नैतिकता, सुरक्षा और मशीनों पर इंसानों की अत्यधिक निर्भरता के जोखिमों के बारे में वर्तमान बहस से मेल खाती है.
तो कौन हैं बाबा वेंगा
सबसे पहले आपके लिए यह साफ कर देते हैं कि बाबा वेंगा एक महिला थीं, क्योंकि कई लोगों को उनके नाम के आगे बाबा शब्द सुनकर यह भ्रम रहता है कि वो कोई पुरुष रहे होंगे. बाबा वेंगा को "बाल्कन की नास्त्रेदमस" के रूप में जाना जाता है. बाबा बेंगा का असली नाम वांगेलिया पांडेवा दिमित्रोवा था. उनका जन्म आज के नॉर्थ मैसेडोनिया में साल 1911 में हुआ था. 12 साल की उम्र में ही एक बवंडर की वजह से उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी. उनके मानने वालों का कहना है कि इसके बाद उन्हें भविष्य देखने की शक्ति मिल गई थी. उनकी उम्र 30 की भी नहीं हुई थी कि वो भविष्यवाणियों और उपचार करने में मशहूर हो गई थीं. ख्याति भी इतनी कि आम लोग ही नहीं, बुल्गारिया के राजा बोरिस तृतीय और सोवियत नेता लियोनिद ब्रेजनेव जैसे दिग्गज भी उनसे सलाह लेने आते थे.