- दक्षिण कोरिया की सांसद जैवॉन किम ने भारत और कोरिया के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को बताया.
- उन्होंने भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या को व्यक्तिगत और प्रतीकात्मक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान बताया है.
- अयोध्या की राजकुमारी सुरिरत्ना ने दक्षिण कोरिया में कराक वंश की स्थापना कर वहां शासन किया था.
दक्षिण कोरिया की सांसद जैवॉन किम ने भारत और कोरिया के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को बयां किया है. साथ ही उन्होंने भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या को व्यक्तिगत और प्रतीकात्मक महत्व वाला स्थान बताया है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया है कि कैसे अयोध्या का उनके जीवन में एक खास स्थान है, कैसे उनके पूर्वजों ने यहां की संस्कृति का सम्मान किया और इसे अपनाया था.
साझा वंश संस्कृति का सम्मान
साझा वंश पर आधारित लंबे समय से चले आ रहे सांस्कृतिक संबंधों पर बात करते हुए किम ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, 'अयोध्या मेरे लिए बहुत खास जगह है, बहुत प्रतीकात्मक जगह है. भारतीय राजकुमारी (सुरिरत्ना ), मेरी परदादी की भी परदादी, हमारे पूर्वज, जिन्होंने इतनी साहसिक भावना दिखाई, सांस्कृतिक खुलेपन का परिचय दिया और एक अनजान संस्कृति के प्रति सम्मान दिखाया. वह कोरिया आईं और मेरे परदादा के भी परदादा ने भारत से आई उस संस्कृति का सम्मान करते हुए उन्हें समझा और अपनाया.'
अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का हिस्सा
किम ने कहा कि यह सांस्कृतिक आदान–प्रदान आज भी भारत और कोरिया के रिश्ते को दिशा देता है. उन्होंने कहा, 'इसी तरह हम भी एक-दूसरे का सम्मान करते हैं. कोरिया और भारत, दोनों के लिए एक-दूसरे को समझना और सम्मान देना थोड़ा अलग भी हो सकता है और थोड़ा समान भी, लेकिन इसकी नींव सांस्कृतिक समझ पर टिकी है.' उन्होंने भारत और कोरिया के बीच सिनेमा सहयोग को गहरा करने के लिए मजबूत संस्थागत ढांचे की आवश्यकता पर भी जोर दिया. किम ने दोनों देशों की फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक सुव्यवस्थित बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B) प्लेटफॉर्म को बेहद महत्वपूर्ण बताया. किम इस समय भारत में हैं और वह गोवा में अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में शिरकत कर रही हैं.
कितना गहरा और पुराना नाता
अयोध्या का दक्षिण कोरिया के साथ एक गहरा और सदियों पुराना संबंध है. साल 2000-01 में यह रिश्ता और गहराया जब पता लगा कि अयोध्या की एक राजकुमारी, जो भगवान राम के जन्मस्थान की थी, दक्षिण कोरिया की रानी बन गई थी. उन्होंने करीब 2,000 साल पहले वहां एक राजवंश की स्थापना की और फिर उस देश पर शासन किया. इस वंश को दक्षिण कोरिया के इतिहास में कराक वंश के नाम से जाना जाता है. यह राजवंश किमहाए नामक शहर में स्थित था, जो पूसान (अब बुसान) के पास था. बुसान दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल के बाद दूसरी सबसे अधिक आबादी वाला शहर है. अयोध्या की इस राजकुमारी का नाम दक्षिण कोरियाई स्रोतों में मुख्य तौर पर हियो ह्वांग-ओक के तौर पर जाना जाता है. उनका मूल भारतीय नाम बताया जाता है कि सुरिरत्ना था.













