इस्लामाबाद ने 'युद्ध विराम' के लिए... भारत की जवाबी कार्रवाई पर क्या बोले टॉम कूपर

ऑस्ट्रियाई लड़ाकू विमानन विश्लेषक और लेखक टॉम कूपर ने भारतीय जवाबी कार्रवाई का विश्लेषण करते हुए कहा है कि भारतीय वायुसेना ने 10 मई को पाकिस्तानी वायुसेना के चुनिंदा ठिकानों पर कई ब्रह्मोस और स्कैल्प-ईजी मिसाइलें दागीं.

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ऑस्ट्रियाई लड़ाकू विमानन विश्लेषक और लेखक टॉम कूपर ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई को "स्पष्ट जीत" बताया है. उन्होंने कहा कि यही कारण था कि पाकिस्तान ने युद्ध विराम की दिशा में कदम उठाया. कूपर के अनुसार, भारतीय जवाबी कार्रवाई की सफलता का कारण भारत की बेहतर मारक क्षमता और बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली थी. कूपर ने लिखा, 'भारतीय जवाबी कार्रवाई ने पाकिस्तान को युद्ध विराम की दिशा में कदम उठाने के लिए मजबूर किया.' उन्होंने भारत की वायु रक्षा प्रणाली और मारक क्षमता की प्रशंसा की.

ऑस्ट्रियाई लड़ाकू विमानन विश्लेषक और लेखक टॉम कूपर ने लिखा है कि इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि इस्लामाबाद ने युद्ध विराम के लिए आवाज उठाई. कूपर की इस टिप्पणी से यह स्पष्ट होता है कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य क्षमता और रणनीति को प्रदर्शित किया है.

ऑस्ट्रियाई लड़ाकू विमानन विश्लेषक और लेखक टॉम कूपर ने भारतीय जवाबी कार्रवाई का विश्लेषण करते हुए कहा है कि भारतीय वायुसेना ने 10 मई को पाकिस्तानी वायुसेना के चुनिंदा ठिकानों पर कई ब्रह्मोस और स्कैल्प-ईजी मिसाइलें दागीं. कूपर ने बताया कि पाकिस्तानी वायुसेना के कम से कम दो एचक्यू-9 को मार गिराया गया था और पाकिस्तानी वायुसेना ने भारतीय वायु क्षेत्र में पीएल-15 को मार गिराने से रोकने के लिए पर्याप्त दबाव बनाया था. कूपर ने बताया कि तीन घंटे के भीतर ही भारतीय वायुसेना के सुखोई-30एमकेआई, मिराज 2000 और राफेल के चालक दल को कुछ वास्तव में भारी हमले करने के लिए पर्याप्त अवसर मिल गए. यह कार्रवाई भारतीय वायुसेना की क्षमता और रणनीति को प्रदर्शित करती है.

नूरखान एबी पर सीधे हमले से पाकिस्तानी वायुसेना के सी-130 हरक्यूलिस विमान में आग लग गई. सरगोधा के मुशाफ एबी पर कम से कम एक हमला हुआ जिससे रनवे के बीच में गड्ढा बन गया. सबसे अधिक नुकसान सिंध में भोलारी वायुसेना अड्डे को हुआ, जहां इसके मुख्य हैंगर पर सीधे हमले में पाकिस्तानी वायुसेना के पांच अधिकारी मारे गए, 40 से अधिक घायल हो गए और एक साब 2000 विमान क्षतिग्रस्त हो गया.

उन्होंने लिखा, "इन हमलों के बाद, यह बात स्पष्ट हो गई थी कि जब तक भारतीय वायुसेना के ब्रह्मोस और स्कैल्प-ईजी के भंडार समाप्त नहीं हो जाते, तब तक पाकिस्तान के पास इनका मुकाबला करने के लिए कुछ भी नहीं बचेगा."

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