92 साल की उम्र में डॉक्टर बना पिता, 37 साल की बीवी ने बेटे को दिया जन्म, सबसे बड़ा बेटा 65 साल का था

Interesting Story: ऑस्ट्रेलिया में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां 92 साल की उम्र में एक डॉक्टर पिता बना और उनकी 37 साल की पत्नी ने एक बच्चे को जन्म दिया है.

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Child Birth Story
कैनबरा:

ऑस्ट्रेलिया में एक ऐसा मामला सुर्खियों में है, जहां 92 साल की उम्र में एक डॉक्टर पिता बना है, उसकी 37 साल की पत्नी ने बेटे को जन्म दिया है. ऑस्ट्रेलियाई डॉक्टर जॉन लेविन की पत्नी डॉ. यानयिंग लु ने बेटे का नाम गैबी रखा है. गैबी का जन्म डॉक्टर के 65 साल के सबसे बड़े बेटे की मौत के पांच महीने बाद हुआ है. ग्रेग की मौत मोटर न्यूरॉन डिसीज से हुई थी. डॉ. लेविन एक जनरल प्रैक्टिशनर हैं और बुढ़ापे के असर को कम करने वाली एंटी एजिंग दवा (anti ageing) के विशेषज्ञ हैं. उनके बेटे का जन्म कुछ समय पहले हुआ था और इसकी जानकारी उन्होंने अब साझा की है.

पहली पत्नी की मौत 57 साल की उम्र में 
ऑस्ट्रेलियन मीडिया के अनुसार, लेविन की पहली पत्नी की मौत 57 साल की उम्र में हो गई थी, जिसके बाद उन्हें अकेलापन महसूस होने लगा. इसके बाद उन्होंने नई भाषा मंदारिन (Mandarin) सीखने का फैसला किया. इस सिलसिले में उनकी मुलाकात डॉक्टर यानयिंग लु से हुई. वो चीनी मूल की महिला हैं. यहीं भाषा सीखते सीखते दोनों की नजदीकियां बढ़ने लगीं और वो ज्यादा वक्त साथ गुजारने लगे. यानयिंग का कहना है कि लेविन बेहद खराब छात्र थे. तीसरा पाठ शुरू करते करते उन्होंने लेविन को पढ़ाना बंद कर दिया. लेकिन वो उनसे दूर नहीं जाना चाहती थीं. लेविन ने उन्हें डिनर पर बुलाया और फिर उनकी रिलेशनशिप शुरू हो गई. वर्ष 2014 में उनकी लास वेगास में शादी हो गई.

कोविड लॉकडाउन तक ऐसा नहीं सोचा
इस जोड़े ने कोविड-19 लॉकडाउन तक बच्चा पैदा करने के बारे में बात नहीं की थी. लेकिन फिर लंबे समय तक राय मशविरा किया और तय किया कि अगर वह अपने पति को खो देती हैं तो वह एक बच्चे के रूप में उनका एक अंश चाहती हैं.

डोनर स्पर्म से गर्भवती
आईवीएफ डोनर स्पर्म के जरिये यानयिंग गर्भवती हुईं और पहले ही प्रयास में उनका गर्भधारण का प्रयास सफल रहा. डॉ. लेविन का कहना है कि 92 साल की उम्र में जब उनके हाथ में उनका बेटा आया तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था. यानयिंग ने मजाक में कहा कि उनके पति बहुत पुराने ख्यालों के हैं और बच्चे की नैपी तक नहीं बदलते.

यानयिंग का कहना है कि उनके बेटे ने कई सिरदर्द भी दिए हैं, क्योंकि लोग डॉ. लेविन को उनका दादा समझते हैं. जब उनको सच्चाई बताई जाती है तो लोग चौंक जाते हैं. लेकिन ये हमारा फैसला था और हम इससे बेहद खुश हैं. दूसरे लोग क्या सोचते हैं, उस पर हमारा वश नहीं है. लेविन का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि वो दुनिया में रहें या न रहें, लेकिन उनका बेटा बड़ा नाम करेगा.

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