जानिए ऑस्ट्रेलिया में कैसे ट्रंप के 'प्यार' ने चुनाव में विपक्षी पार्टी को हरा दिया

विश्लेषकों का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप के कड़े व्यापार शुल्कों ने ऑस्ट्रेलिया के वामपंथी प्रधानमंत्री को शनिवार को हुए चुनाव में शानदार जीत दिलाने में मदद की है. बता दें कि चुनाव अभियान के दौरान अल्बनीज की पार्टी ने  54 वर्षीय पीटर डटन की पार्टी पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों की नकल करने का आरोप लगाया था.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
लगातार दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया के पीएम बनेंगे एंथनी अल्बनीज.
मेलबर्न:

एंथनी अल्बनीज लगातार दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री पद का चुनाव जीत गए हैं. जिसके साथ ही अल्बनीज 21 वर्षों में लगातार दूसरी बार तीन वर्ष का कार्यकाल जीतने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री बन गए हैं. एंथनी अल्बनीज ने शनिवार को अपनी जीत की घोषणा की और एक्स पर लिखा, धन्यवाद, ऑस्ट्रेलिया. वहीं विपक्षी नेता पीटर डटन ने चुनाव में हार स्वीकार करते हुए कहा, ‘‘हमने इस अभियान के दौरान अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, यह आज रात स्पष्ट हो गया है, और मैं इसके लिए पूरी जिम्मेदारी स्वीकार करता हूं. 

ट्रंप की वजह से मिली जीत

विश्लेषकों का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप के कड़े व्यापार शुल्कों ने ऑस्ट्रेलिया के वामपंथी प्रधानमंत्री को शनिवार को हुए चुनाव में शानदार जीत दिलाने में मदद की है. बता दें कि चुनाव अभियान के दौरान अल्बनीज की पार्टी ने  54 वर्षीय पीटर डटन की पार्टी पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों की नकल करने का आरोप लगाया था.  सिडनी विश्वविद्यालय में राजनीति के व्याख्याता हेनरी माहेर के अनुसार डटन की कथित 'ट्रम्प' नीतियों जैसे कि सरकारी क्षमता के लिए सार्वजनिक सेवा नौकरियों में कटौती ने कुछ मतदाताओं को नाराज कर दिया था. विपक्ष की ट्रंप जैसी नीतियां उनकी हार का कारण बनीं. विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप के टैरिफ के कारण ऑस्ट्रेलियाई मतदाताओं ने डटन की पार्टी को वोट नहीं दिया. डटन की पार्टी बार-बार अमेरिकी राष्ट्रपति की बयानबाजी को दोहरा रही थी.

"उधार लेने या नकल करने की जरूरत नहीं"

चुनाव जीतने के बाद एंथनी अल्बनीज ने कहा, ‘‘हमें कहीं और से भीख मांगने, उधार लेने या नकल करने की जरूरत नहीं है. हम विदेश से प्रेरणा नहीं लेते बल्कि हम इसे अपने मूल्यों और अपने लोगों में पाते हैं.''

Advertisement

ऑस्ट्रेलियाई राजनीति में लंबे समय से अल्बनीज की वामपंथी लेबर पार्टी और डटन के दक्षिणपंथी उदारवादियों का दबदबा रहा है. दोनों प्रमुख दल रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर काफी हद तक सहमत हैं, जिससे ऑस्ट्रेलिया अमेरिका के साथ एक घनिष्ठ सैन्य गठबंधन के लिए प्रतिबद्ध है. लेकिन अतीत में चीन को लेकर उनके विचार अलग-अलग रहे हैं. अल्बनीज ने प्रमुख व्यापारिक साझेदार चीन के साथ संबंध बढ़ाए हैं और 2023 में बीजिंग की एक सफल यात्रा भी की, और इस तरह वो सात वर्षों में यात्रा करने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई नेता बन गए. पिछली कंजर्वेटिव सरकार चीन की अत्यधिक आलोचना करती थी, जिससे ट्रेड वॉर छिड़ गया था, जिसकी वजह से ऑस्ट्रेलिया को साल 2024 के अंत तक अरबों डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा था. (एजेंसी इनपुट के साथ)

Advertisement

Featured Video Of The Day
NEET UG 2025 Exam: Exam Centres के बाहर Students की भारी भीड़, कैसे हैं Security Check के प्रबंध