कोविड बाद नियम आधारित विश्व व्यवस्था का निर्माण करना जरूरी: ASEAN समिट में बोले पीएम मोदी

ASEAN-India Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ASEAN (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संघ) भारत की इंडो-पैसिफिक पहल में एक प्रमुख जगह रखता है. नई दिल्ली इसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.

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पीएम मोदी ने इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आयोजित आसियान समिट में हिस्सा लिया.

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) गुरुवार (7 सितंबर 2023) की सुबह इंडोनेशिया के जकार्ता में आसियान-इंडिया समिट (ASEAN-India Summit 2023) में शामिल हुए. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, "21वीं सदी एशिया की सदी है. वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर हमारा मंत्र है. इसके लिए जरूरी है कि हम कोविड महामारी के बाद नियम आधारित वर्ल्ड ऑर्डर का निर्माण करें. मानव कल्याण के लिए सबका प्रयास जरूरी है. मुझे विश्वास है कि आज हमारी बातचीत से भारत और आसियान क्षेत्र के भावी भविष्य को और सुदृढ़ बनाने के लिए नए संकल्प लिए जाएंगे."

इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आयोजित आसियान समिट में पीएम मोदी ने कहा, ‘‘21वीं सदी एशिया की सदी है. यह हमारी सदी है. इसके लिए कोविड-19 के बाद नियम आधारित विश्व व्यवस्था का निर्माण करना और मानव कल्याण के लिए सभी के प्रयासों की जरूरत है.'' उन्होंने कहा, ‘‘मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र की प्रगति और ग्लोबल साउथ की आवाज को बुलंद करना सभी के साझा हित में है.''

आसियान समिट 5 सितंबर से शुरू हो गई है और 8 सितंबर तक चलेगी. आसियान में मलेशिया, इंडोनेशिया, म्यांमार, वियतनाम, कम्बोडिया, फिलीपींस, ब्रुनेई, थाईलैंड, लाओस और सिंगापुर शामिल हैं.

पीएम मोदी ने आगे कहा - "भारत के इंडो पैसेफिक इनिशिएटिव में भी आसियान का प्रमुख स्थान है. आसियान भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का केंद्रीय स्तंभ है. आज वैश्विक अनिश्चिततओं के माहौल में, हमारे आपसी सहयोग में वृद्धि हो रही है. हमारी साझेदारी चौथे दशक में प्रवेश कर रही है."

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हमारी साझेदारी चौथे दशक में प्रवेश कर रही है. ऐसे में भारत आसियान समिट को को-चेयर करना मेरे लिए बहुत ही प्रसन्नता का विषय है. इस समिट के शानदार आयोजन के लिए मैं राष्ट्रपति विडोडो का मैं अभिनंदन करता हूं. उनका आभार व्यक्त करता हूं. आसियान समिट की अध्यक्षता के लिए उन्हें बहुत-बहुत बधाई." 

पीएम ने कहा, "इस साल आसियान समिट की थीम है आसियान मैटर्स: एपिसेंट्रम ऑफ ग्रोथ. आसियान मैटर्स क्योंकि यहां सभी की आवाज सुनी जाती है और आसियान एक एपिसेंट्रम ऑफ ग्रोथ. वैश्विक विकास में आसियान की अहम भूमिका है." प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा इतिहास और भूगोल भारत और आसियान को जोड़ते हैं. साथ ही साझा वैल्यूज, क्षेत्रीय एकता, शांति, समृद्धि, और मल्टीपोलर वर्ल्ड में साझा विश्वास भी हमें आपस में जोड़ता है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "पिछले साल हमने भारत-आसियान फ्रेंडशिप ईयर मनाया और आपसी संबंधों को एक कोंप्रेहेंसिव स्ट्रटेजिक पार्टनरशिप का रूप दिया. आज वैश्विक अनिश्चितताओं के माहौल में भी हर क्षेत्र में हमारे आपसी सहयोग में लगातार प्रगति हो रही है. यह हमारे संबंधो की ताकत और रेसिलिएंस का प्रमाण है."

पीएम मोदी ने कहा कि भारत आसियान केंद्रीयता और इंडो-पैसिफिक पर आसियान के रुख का पूर्ण समर्थन करता है. भारत की इंडो-पैसिफिक पहल में भी आसियान क्षेत्र का प्रमुख स्थान है. कंट्री को-ऑर्डिनेटर सिंगापुर आगामी अध्यक्ष लाओ पीडीआर और आप सभी के साथ भारत कंधे से कंधा मिलाकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.

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इसके बाद इंडोनेशिया में ईस्ट एशिया समिट की बैठक हुई. इसमें पीएम मोदी ने एक्ट ईस्ट इन एक्शन के तहत तिमोर-लेस्ते में भारतीय दूतावास खोलने की घोषणा की है. इसके लिए उन्होंने दिल्ली से दिली का स्लोगन दिया। दरअसल, तिमोर-लिस्ते की राजधानी का नाम दिली है.

आसियान को क्षेत्र में सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक माना जाता है. भारत, अमेरिका, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देश इसके संवाद भागीदार हैं. भारत और आसियान के बीच संबंध पिछले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण रूप से मजबूत हुए हैं, जिसमें व्यापार और निवेश के साथ-साथ सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया है. 

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