इमरान खान पर एक और जानलेवा हमला होने की आशंका : जज ने खुफिया रिपोर्ट के हवाले से कहा

पाकिस्तान में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने जोर देकर कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पर मंडराते खतरे का संज्ञान लेना सरकार की जिम्मेदारी

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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर एक और जानलेवा हमला होने की आशंका जताई गई है.
इस्लामाबाद:

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने शुक्रवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की हत्या की एक और कोशिश किए जाने की संभावना है. अदालत ने जोर देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पर मंडराते खतरे का संज्ञान लेना सरकार की जिम्मेदारी है. मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक की यह टिप्पणी खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए- इंसाफ द्वारा आयोजित प्रदर्शन के कारण मार्ग अवरुद्ध किए जाने के सिलसिले में व्यापारियों द्वारा दायर एक याचिका के मद्देनजर आई है.

डॉन अखबार की खबर के अनुसार, न्यायाधीश ने अदालत में सौंपी गई एक खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि खान पर एक और जानलेवा हमला होने की संभावना है. उन्होंने कहा, ‘‘यह सरकार की जिम्मेदारी है और सरकार को इस विषय पर विचार करना है.''

न्यायमूर्ति फारूक ने कहा कि खान की पार्टी को इस्लामाबाद प्रशासन को एक नई अर्जी देकर अपने मार्च के लिए अनुमति मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘यदि मुद्दे का समाधान नहीं होता है तो एक नई याचिका दायर की जा सकती है.'' उन्होंने कहा कि धरने के लिए जगह आवंटित करना अदालत की जिम्मेदारी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रशासन का विवेकाधिकार है कि वह डी-चौक या एफ-9 पार्क आवंटित करना चाहता है.'' न्यायाधीश ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने भी यही कहा था.''

पाकिस्तान उच्चतम न्यायालय ने खान के विरोध मार्च को रोकने का अनुरोध करने वाली एक याचिका खारिज करते हुए बृहस्पतिवार को कहा था कि यह एक राजनीतिक मुद्दा है और इसका राजनीतिक रूप से समाधान होना चाहिए.

मुख्य न्यायाधीश फारूक ने कहा कि प्रदर्शन करना हर राजनीतिक और गैर राजनीतिक दल का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन आम नागरिकों के अधिकारों को बरकरार रखना भी जरूरी है. उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि ब्रिटेन में लोग 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर जमा होते हैं. वे प्रदर्शन करते हैं, लेकिन सड़क अवरुद्ध नहीं करते. '' उल्लेखनीय है कि यह स्थान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास है.

न्यायमूर्ति फारूक ने खान की पार्टी के वकील से कहा, ‘‘जब उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि वे मार्च को नहीं रोक सकते, तब आपने जीटी रोड और अन्य मार्गों को अवरुद्ध कर दिया.

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सुनवाई 22 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई. उल्लेखनीय है कि खान (70) के काफिले पर तीन नवंबर को वजीराबाद में एक मार्च के दौरान हमला किया गया था. पूर्व प्रधानमंत्री इस हमले में पैर में गोली लगने से घायल हो गए.

क्रिकेटर से नेता बने खान देश में आम चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं. उनके मार्च के नवंबर के आखिरी हफ्ते में इस्लामाबाद पहुंचने की उम्मीद है. खान ने घोषणा की है कि वह रावलपिंडी में मार्च में शामिल होंगे.

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