अमेरिका के टैरिफ वार के बीच चीन ने भारत की तरफ बढ़ाया हाथ, क्या हैं इसके मायने

चीन के विदेश मंत्री वांग ने शुक्रवार को नई दिल्ली से रिश्ते के सवाल के जवाब में कहा कि ये वो समय है जब दोनों देशों को एक दूसरे का समर्थन करना चाहिए.

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टैरिफ वार के बीच चीन ने भारत की तरफ बढ़ाया हाथ

अमेरिका के टैरिफ वार के बीच चीन के विदेश मंत्री वांग यी का एक बड़ा बयान सामने आया है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि ऐसे माहौल में नई दिल्ली और बीजिंग को साथ आने की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि ये वो मौका है जब दोनों देशों को साझा सफलता हासिल करने के लिए मिलकर काम करने पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि यदि दोनों राष्ट्र, जो एशिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं, आपस में मिल जाएं, तो अंतरराष्ट्रीय संबंधों का लोकतंत्रीकरण और ग्लोबल साउथ का विकास और सुदृढ़ीकरण एक उज्जवल भविष्य होगा. आपको बता दें कि चीन के विदेश मंत्री के इस बयान पर भारत ने अभी तक अपने तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. 

वांग ने शुक्रवार को नई दिल्ली से रिश्ते के सवाल के जवाब में कहा कि ये वो समय है जब दोनों देशों को एक दूसरे का समर्थन करना चाहिए. ना कि एक दूसरे को कमजोर करने की कोशिश करनी चाहिए. खास बात ये है कि वांग की ये टिप्पणी विदेश मंत्री एस जयशंकर के भारत-चीन संबंधों पर बयान के बाद आई है. जयशंकर ने हाल ही में कहा था कि भारत-चीन के साथ स्थिर संबंध चाहता है. 

वांग यी ने सीमा विवाद पर जोर देते हुए कहा कि हमें द्विपक्षीय संबंधों को सीमा के सवाल से परिभाषित नहीं होने देना चाहिए, या विशिष्ट मतभेदों को समग्र द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए. यह बयान अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ युद्ध के दौरान आया है, यह एक ऐसी लड़ाई है जो अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रम्प के पहले कार्यकाल की घटनाओं का परिणाम है. ट्रम्प ने मंगलवार को अपने देश में चीनी आयात पर टैरिफ को 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ाने के आदेश पर हस्ताक्षर किए.

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व्हाइट हाउस ने कहा कि यह वृद्धि फेंटेनाइल के निर्यात को नियंत्रित करने में बीजिंग की विफलता के लिए प्रतिशोध थी, जो अमेरिका में एक ओपियोड संकट से जुड़ा एक घातक निर्मित मादक पदार्थ है. अमेरिका के टैरिफ वार को लेकर चीन ने विश्व व्यापार संगठन में भी शिकायत दर्ज कराई है,जिसमें आरोप लगाया गया है कि एकतरफा कर, WTO के नियमों का गंभीर उल्लंघन करता है और चीन-अमेरिका आर्थिक और व्यापार सहयोग की नींव को कमजोर करता है. चीन ने फेंटेनाइल दावे की भी आलोचना की, इसे टैरिफ बढ़ाने का एक बहाना बताया. 

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