जो काम आईडीएफ ने शुरू किया, अमेरिका ने किया खत्म : नेतन्याहू
अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अंदाज सब जानते हैं, कब क्या बोलें, कब क्या करें, कोई नहीं कह सकता. लेकिन इस बार उन्होंने जो किया, वो पूरी दुनिया के लिए चौंकाने वाला है. दरअसल, 12 और 13 जून की रात जब इजरायल ने अचानक ईरान के सैन्य अड्डों पर हमला शुरू किया, तब अमेरिका ने हाथ खड़े कर दिए और कहा हमें इस ऑपरेशन की जानकारी नहीं थी. लेकिन इजरायल ने साफ कहा अमेरिका सब जानता था.
युद्ध में अमेरिका की एंट्री की कहानी
फिर सामने आए डोनाल्ड ट्रंप, उन्होंने कहा हां, इजरायल ने हमला किया है जो कि ठीक किया. ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने दिए जा सकते. हमने उन्हें 60 दिन दिए थे बातचीत के लिए, लेकिन वो नहीं माने. ट्रंप ने कहा इजरायल का हमला शानदार था. लेकिन अमेरिका इस युद्ध में सीधे कूदना नहीं चाहता.
कुछ ही घंटों में इजरायल को एहसास हुआ, ईरान की जमीन के नीचे छिपे गहरे परमाणु ठिकानों को नष्ट करना उनके बस की बात नहीं. खासकर फोर्डो, नतांज और इस्फहां जैसे ठिकाने जो 90 फीट ज़मीन के नीचे बने हैं. इन्हें तबाह करने के लिए चाहिए बंकर बस्टर बम और ये सिर्फ अमेरिका के पास हैं.
इस बीच ये सवाल उठने लगा कि क्या अमेरिका अब ईरान पर हमला करेगा. इस सवाल का जवाब देते हुए ट्रंप ने कहा था, दो हफ्ते में तय करेंगे कि अमेरिका युद्ध में उतरेगा या नहीं. इस दौरान ही अमेरिका के बी-2 स्टील्थ बॉम्बर विमान खाड़ी की ओर उड़ान भरते दिखे. वो भी GBU-57 जैसे खतरनाक बमों के साथ.
अमेरिका के ईरान पर हमला करने की तैयारी अंदर ही अंदर चल रही थी. ईरान को भी इस बात का अंदाजा था कि अमेरिका उनपर हमला कर सकता है. रविवार सुबह ये बात सच साबित हुई. ट्रंप ने पोस्ट करते हुए दावा कि अमेरिका ने ईरान के तीनों बड़े परमाणु ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया है. ईरान के वक्त के मुताबिक, रात के 2:30 बजे अमेरिकी विमानों ने हमला किया. ट्रंप के मुताबिक मिशन पूरी तरह सफल रहा और सभी फाइटर जेट्स सुरक्षित लौट आए. इजरायल ने कहा – हमला अमेरिका और इजरायल ने मिलकर किया.
अब शांति चाहते हैं ट्रंप
हमला करने के बाद अब ट्रंप शांति की बात कर रहे हैं. . उन्होंने अपने एक पोस्ट में लिखा "NOW WE MOVE TOWARDS PEACE." लेकिन दूसरी तरफ ईरान का रुख एकदम अलग है. उनके सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने कहा फलस्तीन अब भी हमारे संघर्ष का केंद्र है और हम पीछे नहीं हटेंगे. राष्ट्रपति मसूद पेजश्किया ने भी साफ कर दिया ईरान अपने यूरेनियम संवर्धन को नहीं रोकेगा. उनका कहना है कि ये पूरी तरह शांतिपूर्ण उद्देश्य के लिए है.
ईरान का इजरायल पर हमला
अमेरिकी हमले के तुरंत बाद ईरान ने भी इजरायल पर ज़ोरदार हमला शुरू कर दिया है. हालांकि इजरायल की एयर डिफेंस एक्टिव है, लेकिन जंग अब उस मोड़ पर है जहां किसी की जीत या हार तय हो सकती है. सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि ईरान का एयर डिफेंस अब तक जवाब नहीं दे पाया है. रूस से मिले एस-300 मिसाइल सिस्टम अब तक एक्टिव नहीं हुए.