ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका (AUKUS) पर चीन ने "शीत युद्ध की मानसिकता" रखने का आरोप लगाया है. चीन ने बुधवार को ये आरोप लगाते हुए कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और ऑस्ट्रेलिया अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करें और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता में योगदान करने वाले काम अधिक करें. चीन की ओर से ये बयान अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया (AUKUS ) की ओर से किए गए नए त्रिपक्षीय सुरक्षा समझौते, के तहत हाइपरसोनिक हथियारों पर काम करने की योजना की घोषणा के बाद आया है.
"यूक्रेन संकट का फायदा उठाते हुए और एशिया-प्रशांत में सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के बहाने, AUKUS ने एक हाई-प्रोफाइल तरीके से घोषणा की है. जिसके अनुसार अमेरिका और ब्रिटेन ऑस्ट्रेलिया को परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियां प्रदान करेंगे. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने एक दैनिक प्रेस वार्ता के दौरान ये बात कही. उन्होंने आगे कहा कि तीनों देश हाइपरसोनिक हथियारों जैसी उन्नत सैन्य तकनीकों को विकसित करने में सहयोग करेंगे. ये केवल परमाणु प्रसार के जोखिम को बढ़ाता है और अंतरराष्ट्रीय अप्रसार प्रणाली के लिए झटका है. इससे देशों के बीच हथियारों की दौड़ को भी तेजी मिलेगी. साथ ही एशिया-प्रशांत में शांति और स्थिरता कमजोर होगी.
दरअसल ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका (AUKUS) ने मंगलवार को नई हाइपरसोनिक और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताओं के विकास पर त्रिपक्षीय सहयोग शुरू करने पर सहमति व्यक्त की थी. उन्होंने एक संयुक्त बयान में कहा था, "AUKUS के भागीदार उन्नत हाइपरसोनिक और काउंटर-हाइपरसोनिक क्षमताओं के विकास में तेजी लाने के लिए मिलकर काम करेंगे."
मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में चीन के दूत झांग जून औक्स ने कहा कि सहयोगी देशों को एक और यूक्रेन जैसा संकट पैदा करने से बचना चाहिए. झांग ने ऑस्ट्रेलिया की घोषणा के बारे में कहा , "जो कोई भी यूक्रेनी संकट को नहीं देखना चाहता है, उसे ऐसे काम करने से बचना चाहिए जो दुनिया के अन्य हिस्सों में इस तरह के संकट का कारण बन सकते हैं." चीनी कहावत है, यदि आप इसे पसंद नहीं करते हैं, तो इसे दूसरों पर न थोपें."
VIDEO: कोविड-19 : ओमिक्रॉन के दो नए वैरिएंट ने दी भारत में दस्तक, मुंबई में मिला XE और कप्पा का पहला केस