- एयर चाइना की फ्लाइट CA139 में उड़ान के दौरान ओवरहेड डिब्बे में रखी लिथियम बैटरी में आग लग गई
- विमान को आपात स्थिति में शंघाई में डायवर्ट कर सुरक्षित लैंडिंग कराई गई और सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया
- लिथियम बैटरियां मोबाइल, लैपटॉप और ई-सिगरेट में पाई जाती हैं और शॉर्ट सर्किट होने पर खुद जलने का खतरा होती है
चीन के हांग्जो से सियोल जाने वाली एयर चाइना की फ्लाइट CA139 को आपात स्थिति के कारण शंघाई में उतरना पड़ा और मामला इतना खतरनाक था कि फ्लाइट में मौजूद सभी लोगों में दहशत फैल गई. दरअसल उड़ान के दौरान सीट के ठीक उपर सामान रखने वाले ओवरहेड डिब्बे में रखी लिथियम बैटरी में आग लग गई. आग लगते ही फ्लाइट में सवार सभी यात्रियों में डर पैदा हो गया. इस आग लगने की घटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. अच्छी बात यह रही कि सभी यात्री सुरक्षित रहे.
एयरलाइन ने बताया कि उड़ान भरने के बाद ओवरहेड डिब्बे में बैटरी में आग लग गई. इसके बाद फ्लाइट को शंघाई की ओर डायवर्ट कर दिया गया, जहां विमान सुरक्षित लैंड कर गया. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस घटना के वीडियो में देखा जा सकता है कि यात्री घबराए हुए हैं और क्रू मेंबर्स तेजी से आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं.
लिथियम बैटरी क्यों खतरनाक?
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, एयर चाइना ने पुष्टि की कि कुछ ही मिनटों में आग बुझा दी गई और विमान को शंघाई की ओर मोड़ दिया गया. जल्द ही क्रू मेंबर आग पर काबू पाने में सफल रहे और किसी के घायल होने की सूचना नहीं है. समय पर कार्रवाई के कारण एक बड़ा हादसा टल गया और सभी यात्री सुरक्षित पहुंच गए.
आग लगने की यह घटना चीन द्वारा हवाई जहाजों में कुछ पोर्टेबल बैटरियों पर आपातकालीन प्रतिबंध (इमरजेंसी बैन) लगाने के महीनों बाद हुई है. जून में एक नियामक संस्था द्वारा फ्लाइट के दौरान इन बैटरियों के बढ़ते खतरे के बारे में चेतावनी देने के बाद उठाया गया था.
इस साल 30 जून तक, FAA ने ऐसे 38 मामलों को डॉक्यूमेंट किया है जिनमें लिथियम बैटरी के कारण फ्लाइट (यात्री या मालवाहक) में धुआं उठा या लगी. पिछले साल ऐसे 89 मामले सामने आए थे. इस साल, सरकारों और एयरलाइंस ने इन बैटरियों पर नियम कड़े कर दिए हैं, जिससे उन्हें विमानों पर रखने की जगह सीमित कर दी गई है.