अमेरिका (US) ने अल कायदा (Al Qaeda) के सरगना अयमान अल ज़वाहिरी( Ayman al-Zawahiri) को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक सफल एयरस्ट्राइक में मार गिराया. यह 2011 में अल कायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद इस आतंकी संगठन के लिए सबसे बड़ा झटका है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक टीवी पर कहा कि, न्याय हो गया है और उन्होंने आशा की है कि ज़वाहिरी की मौत के बाद अमेरिका में 9/11 के हमले का शिकार हुए 3000 लोगों के परिवारों को राहत मिलेगी. अल कायदा का ओसामा बिन लादेन 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था और दुनिया के मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों में से एक था.
साल 2011 में जवाहिरी को अल कायदा की कमान मिली. अब जवाहिरी की मौत के बाद आतंकी संगठन के पास नेतृत्व का संकट आ गया है.
मिडिल ईस्ट इंस्टीट्यूट के अनुसार, अब अल कायदा की कमान सैफ अल-आदेल को जा सकती है. मिस्त्र का यह पूर्व सैन्य अधिकारी अल कायदा के संस्थापक सदस्यों में से एक है. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के अनुसार 1980 के दशक में सैफ अल-आदेल आतंकी समूह मकतब अल-खिदमत में भी शामिल हुआ था.
अल-आदेल की मुलाकात बिन लादेन और आयान अल ज़वाहिरी से इसी दौरान मुलाकात हुई और वो उनके समूह इजिप्शियन इस्लामिक जिहाद ( Egyptian Islamic Jihad (EIJ) में शामिल हो गया. उसने 1980 के दशक में रूसी सेनाओं के खिलाफ भी युद्ध लड़ा.
सैफ अल-आदेल एक समय ओसामा बिन लादेन का सुरक्षा चीफ भी था. अल-आदेल एफबीआई (FBI) की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में 2001 से है. उसके बारे में जानकारी देने पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम भी घोषित है. एजेंसी का अल कायदा पर पेज अल आदेल के बारे में कहता है कि उसे अमेरिकी नागरिकों की हत्या की साज़िश के आरोप में ढूंढा जा रहा है. उस पर अमेरिका की नेशनल डिफेंस यूटिलिटीज़ को नष्ट करने का भी आरोप है."
एबीसी की एक पुरानी रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सेनाएं सैफ अल-आदेल को 1993 से ढूंढ़ रही हैं जब उसने सोमालिया के मोगादिशू में अमेरिकी सेना और हेलीकॉप्टर पर घात लगा कर हमला किया था. इस ब्लैक हॉक डाउन ("Black Hawk Down" ) दुर्घटना में 18 अमेरिकी मारे गए थे. अल-आदेल उस समय 30 साल का था.
कई खबरों के अनुसार, बिन लादेन की मौत के बाद अल-आदेल अल कायदा का प्रमुख रणनीतिकार बन गया है. हालांकि मिडिल ईस्ट इंन्टीट्यूट के अनुसार उसे आतंकी संगठन का मुखिया बनाना जटिल होगा ईरान में उसकी मौजूदगी की वजह से. अल-आदेल ब्लैक हॉक डाउन घटना के बाद से ईरान में है.
इंस्टीट्यूट के अनुसार, हाल ही के सालों में अल -कायदा से जुड़े कम से कम 3 ने सैफ अल आदेल की तरफ से आने वाले निर्देशों की विश्वस्नीयता पर सवाल उठाए हैं.