हरदीप निज्जर की हत्या का आरोपी स्टडी वीजा पर आया था कनाडा : रिपोर्ट

पंजाबी भाषा में दिए गए उसके बयान के अनुवाद के मुताबिक उसने कहा कि उसे कुछ दिन बाद ही स्टडी वीजा मिल गया था. एक प्रमोशनल वीडियो और बराब की तस्वीर को एथिकवर्क्स फेसबुक पेज पर शेयर किया गया था

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हरदीप सिंह निज्जर, को 2020 में भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा आतंकवादी नामित किया गया था.

सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के संदिग्धों में से एक ने सोशल मीडिया वीडियो में कहा कि वह स्टडी परमिट पर कनाडा आया थे, जिसे प्राप्त करने में उसे कुछ ही दिनों का वक्त लगा था. कनाडा स्थित वैश्विस समाचार की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. आरोपी करण बराब ने 2019 में ऑनलाइन पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि उसने भारतीय राज्य पंजाब के बठिंडा में एथिकवर्क्स इमिग्रेशन सर्विस के जरिए स्टूडेंट वीजा अप्लाई किया था. 

ग्लोबल न्यूज के मुताबिक, पंजाबी भाषा में दिए गए उसके बयान के अनुवाद के मुताबिक उसने कहा कि उसे कुछ दिन बाद ही स्टडी वीजा मिल गया था. एक प्रमोशनल वीडियो और बराब की तस्वीर को एथिकवर्क्स फेसबुक पेज पर शेयर किया गया था, जिसने दावा किया है कि यह बठिंडा में स्थित शहर कोटकपुरा का है. 

ग्लोबल न्यूज के मुताबिक, वीडियो के कैप्शन में लिखा है, "कनाडा स्टडी वीजा मिलने पर करण बरार को शुभकामनाएं. कोटकपुरा से एक अन्य खुश क्लाइंट." आप्रवासन मंत्री मार्क मिलर ने इस सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया है कि संदिग्ध कनाडा कैसे आए, लेकिन ऑनलाइन पोस्ट से संकेत मिलता है कि बरार हत्या से तीन साल पहले एक छात्र परमिट पर आया था. 

बरार के एक फेसबुक पेज के अनुसार, 30 अप्रैल, 2020 को कैलगरी के बो वैली कॉलेज में अपनी पढ़ाई शुरू करने के बाद, वह 4 मई, 2020 को एडमोंटन चला गया था. हालांकि, इस विषय से संबंधित प्रश्नों पर अभी तक आप्रवासन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. 

22 साल के बरार, 28 साल के करणप्रीत सिंह और 22 साल के कमलप्रीत सिंह को शुक्रवार को एडमोंटन में हिरासत में ले लिया गया है. उन पर हत्या और साजिश का आरोप है. वे मंगलवार को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में अदालत में पेश हुए थे. कनाडा आधारित न्यूज वेबसाइट ग्लोब और मेक के मुताबिक, ब्रिटिश कोलंबिया के सिख समुदाय के सदस्यों की मंगलवार को सरे अदालत में भीड़ उमड़ पड़ी, जब हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोपी तीन भारतीय नागरिक पहली बार वीडियो के जरिए अदालत में पेश हुए.

जैसे ही नारंगी जंपसूट पहने तीनों अदालत में पेश हुए, खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने सरे प्रांतीय अदालत के बाहर नारे लगाए , जिसमें हत्या के लिए भारत सरकार को जिम्मेदार ठहराया गया था. तीनों लोगों को पिछले हफ्ते शुक्रवार को एडमोंटन में हिरासत में लिया गया था और उन पर जून 2023 में निज्जर की गोलीबारी के संबंध में प्रथम-डिग्री हत्या और जानलेवा साजिश का आरोप लगाया गया था, जिसने भारत के साथ कनाडा के संबंधों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया था.

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गौरतलब है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत सरकार के एजेंटों पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाने के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं. हालांकि, भारत ने आरोपों को "बेतुका" बताकर खारिज कर दिया है. हरदीप सिंह निज्जर, को 2020 में भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा आतंकवादी नामित किया गया था और पिछले साल जून में सरे के एक गुरुद्वारे से बाहर निकलते ही उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. कथित तौर पर इस साल मार्च में एक वीडियो सामने आया जिसमें हथियारंबद लोगों द्वारा निज्जर को गोली मारते हुए साफ देखा जा सकता है. इसे "कॉन्ट्रैक्ट हत्या" बताया गया है.

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