हाफिज के भतीजे अबू कताल के खात्मे से आतंक पर लगेगी लगाम, जानें किस देश में कब मारा गया कौन सा दहशतगर्द

जम्मू-कश्मीर में कई घातक हमलों को अंजाम देने में अपनी भूमिका के कारण कताल या फैसल नदीम राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और भारतीय सेना सहित भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक प्रमुख लक्ष्य था.

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नई दिल्ली:

लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का खूंखार आतंकवादी अबू कताल मारा गया. अबू कताल 2023 के राजौरी हमले और 2024 के रियासी बस हमले में वॉन्टेड था.  अबू कताल की पाकिस्तान में हत्या को लेकर ग्रुप कैप्टन डॉ. डी.के. पांडेय (सेवानिवृत्त) ने एक वीडियो बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के रिश्तेदार और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी फैजल नदीम उर्फ अबू कताल को पाकिस्तान में झेलम के दीना में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी, जिसमें उसकी मौत हो गई. इस हमले में उसके ड्राइवर की भी मौत हो गई.

हाफिज सईद का भतीजा अबू कताल

कताल लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद का भतीजा है. अबू कताल की हत्या से आतंकियों को बड़ा झटका लगा है.  अबू कताल दो दशक से जम्मू कश्मीर में बड़े आतंकी हमलों और घुसपैठ कराने का अहम रोल निभाता आया है. पुंछ जिले में सेना के काफिलों से लेकर राजौरी के गांव में हिंदुओं पर अबू कताल के इशारे पर ही हमले हुए थे. जम्मू कश्मीर में भेजे जाने से पहले ही अबू कताल ही आतंकियों को ट्रेन करता था, ताकि वो अपने नापाक मंसूबों में कामयाब हो पाए. ऐसे में अबू कताल का मारा जाना भारत के लिए भी बड़ी कामयाबी मानी जा रही है. अबू कताल की हत्या के बाद जम्मू- कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियां और सतर्क और गई हैं.

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बड़े हमलों के पीछे अबू कताल

छह से सात बड़े हमलों के पीछे अबू कताल का ही हाथ था. कताल की पुंछ- राजौरी के अलावा जम्मू, किश्तवाड़ और डोडा में मजबूत पकड़ मानी जाती है. यही वजह है कि कताल NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था. हाफिज सईद ने अपने भतीजे अबू कताल को लश्कर का चीफ आपरेशन कमांडर बनाया था. हाफिज के इशारों पर कताल आतंकी घटनाओं को अंजाम देता था. सीमा पार से  आतंकियों को भारतीय क्षेत्र में दाखिल करवाने में भी अबू कताल ही था. पुंछ-राजौरी में उसने ओवरग्राउंड वर्कर का नेटवर्क को काफी मजबूत किया. इसलिए कहा जा रहा है कि राजौरी- पुंछ में आतंकी हमलों में तेजी के पीछे भी कताल ही था.

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विदेश में मारे गए आतंकियों की लिस्ट

तारीखकौन सा आतंकी कहां मारा गया
1 मार्च, 2022IC-814 प्लेन की हाइजैकिंग में शामिल जैश कमांडर आतंकी मिस्त्री जहूर उर्फ जाहिद अखूंद की कराची में हत्या
19 सितंबर, 2022 हैंडलर मोहम्मद लाल की काठमांडू में हत्या 
20 फरवरी, 2023 रावलपिंडी में हिजबुल के इम्तियाज आलम उर्फ बशीर अहमद पीर की हत्या
22 फरवरी, 2023 IS को मजूबत करने में लगे अजाज अहमद अहंगर की काबुल में हत्या 
26 फरवरी, 2023 कराची में अल बदर पूर्व कमांडर खालिद राजा की हत्या 
4 मार्च, 2023 पाकिस्तान में ही आतंकी सैयद नूर शोलाबर की हत्या 
6 मई, 2023परमजीत सिंह पंजवड़ की पाकिस्तान के लाहौर में हत्या
18 जून, 2023 खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या 
5 अगस्त, 2023 कराची सिंध के नवाबशाह जिले में मुल्ला सरदार हुसैन अरैन की गोली मारकर हत्या, जो हाफिज सईद के करीबियों में शामिल था.
8 सितंबर 2023 रावलकोट में लश्कर कमांडर मोहम्मद रियाज उर्फ अबू कासिम की हत्या 
30 सितंबर, 2023हाफिज सईद के करीबी सहयोगी मुफ्ती कैसर फारूक की कराची में गोली मारकर हत्या 
11 अक्टूबर 2023 पठानकोट एयरबेस हमले का आरोपी शाहिद लतीफ अपने भाई के साथ सियालकोट में मारा गया
7 मार्च, 2025 कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा करने में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी की मदद करने वाले मुफ्ती शाह मीर की बलूचिस्तान प्रांत के तुरबत में हत्या


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2022 में पुंछ के चमरेड़ व भाटाधुलियां के जंगल में हुए हमले अबू कताल ने कराए थे. इन हमलों में सेना के 12 जवान शहीद हुए थे. 1 जनवरी 2023 को ढांगरी आतंकी हमले में भी अबू कताल का ही हाथ था, जिसमें 7 हिंदुओं की हत्या कर दी थी. वहीं  22 दिसंबर 2023 में पुंछ के टोपा मीर क्षेत्र में सेना के वाहन पर हमले में भी इसी का हाथ बताया जाता था, जिसमें 5 जवान शहीद हो गए थे. शिव खोड़ी से दर्शन कर रहे श्रद्धालुओं की बस पर भी हमले के पीछे कताल का नाम ही सामने आया था. जिसमें 10 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी. 

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भारतीय एजेंसियों को लंबे समय से थी उसकी तलाश

  • जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में शिव-खोड़ी मंदिर से लौट रही तीर्थयात्रियों की बस पर हुए हमले में अबु कताल का नाम सामने आया था.
  • राजौरी जिले के ढांगरी गांव में हुए आतंकी हमले में भी अबु कताल की संलिप्तता पाई गई थी. इस हमले में दो बच्चों सहित सात लोग मारे गए थे.
  • अबु कताल जम्मू-कश्मीर में कई अन्य हमलों और घुसपैठ की घटनाओं में शामिल था. वह आतंकियों को हथियार और प्रशिक्षण मुहैया करवाने के साथ-साथ सीमा पार से भारत में दहशत फैलाने की साजिश रचता था.

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अबू कातल की मौत से आतंकियों को झटका 

अबू कताल ने 9 जून 2024 को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में हिंदू तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हमले में अहम भूमिका निभाई थी. वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के खुरेटा लॉन्च पैड का कमांडर था. राजौरी-पुंछ क्षेत्र में घुसपैठ और हमलों के प्रयास उसकी ही निगरानी में होते थे. इस घटना से पाकिस्तानी सत्ता प्रतिष्ठान को बड़ा झटका लगा है. पाकिस्तानी मीडिया चुप है, क्योंकि उन्हें ऐसे मुद्दों पर बोलने की इजाजत नहीं है. रावलपिंडी अस्पताल की ओर जाने वाली सड़कों को अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया, ताकि हाफिज सईद के घायल होने की खबर बाहर न जाए.
 

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