लाल बालों वाले मुस्कुराते रहने वाले नौ महीने के बच्चे केफिर बिबास ने हाल ही में रेंगना शुरू किया था. वह अपने माता-पिता और चार साल के भाई के साथ दक्षिणी इज़रायल के किबुत्ज़ में रहता था.सात अक्टूबर को उसका और केफिर के परिवार का जीवन हमेशा के लिए बदल गया क्योंकि उसे, उसके भाई, मां शिरी और पिता यार्डन का हमास ने अपहरण कर लिया और उन्हें गाजा ले गए.यह घटना इस्लामी आतंकवादियों के इजरायली क्षेत्र में जानलेवा हमले के दौरान हुई थी.
गाजा में बंधक बनाए गए करीब 240 इजरायली नागरिकों में 32 बच्चे भी हैं. उनमें से नौ महीने का केफिर सबसे छोटा है. एक महीने से इस परिवार के ठिकाने या स्थिति के बारे में कोई खबर नहीं है. इस बीच केफिर 10 महीने का हो गया है.
इस सप्ताह बंधकों की संभावित रिहाई की खबरों के बीच उसके दादा को उम्मीद है कि परिवार को जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा. 66 वर्षीय एली बिबास ने रविवार को ताज़पिट प्रेस सर्विस के साथ एक इंटरव्यू में अपने बेटे, बहू और दो पोतों के हमास के कब्जे में होने के बारे में कहा, "अब वही मेरी पूरी जिंदगी हैं. हम उन्हें घर में देखना चाहते हैं."
हमास के हमले वाले दुर्भाग्यपूर्ण शनिवार के दिन एली को सुबह 10 बजे किबुत्ज़ निर ओज़ में उनके घर पर परिवार से मिलने जाना था, लेकिन हवाई हमले के सायरन 6:30 बजे बज गए. इसके जरिए गाजा से आने वाले रॉकेटों की चेतावनी मिला. इस पर सभी लोगों को उनके सुरक्षित कमरों में भेज दिया गया.
एली उनके घर से लगभग 20 मिनट की दूरी पर रहते हैं. उसने परिवार का सुरक्षित होना सुनिश्चित करने के लिए 34 वर्षीय यार्डन को मैसेज भेजा. एली ने कहा, "गाजा सीमा के बाकी समुदायों की तरह वह भी बंद कमरे में था."
उस सुबह यार्डन अपनी बहन ओफ्री को मैसेज भेजता रहा और उसे बताता रहा कि नीर ओज़ में क्या हो रहा है.नीर ओज में वह 32 साल की शिरी, एरियल और केफिर के साथ रहता था.
लेकिन सुबह 9 बजे तक हवाई हमले की चेतावनियां मिलती रहीं. एली को अहसास हो गया कि कुछ गड़बड़ है. सुबह 9:20 पर उनके बेटे ने उन्हें मैसेज भेजा "आई लव यू." उसने यही संदेश अपनी मां और बहन को भी भेजा.
इस घटना से ठीक दो महीने पहले रॉकेट हमलों से बचने के लिए यार्डन की बहन गाजा सीमा से दूर गोलान हाइट्स में चली गई थीं. उसके पिता ने बताया, उसका भाई भी इसी तरह का कदम उठाने के बारे में सोच रहा था और उसने एक हैंडगन भी खरीदी थी.
उन्होंने इंटरव्यू में कहा, "कल्पना कीजिए कि अगर मेरी बेटी नहीं चली गई होती तो मेरे लिए क्या बचता."
यार्डन ने अपनी बहन को बताया था कि बाहर शोर हो रहा है और उन्हें बच्चों को चुप कराने में कठिनाई हो रही है. वह बंदूक का इस्तेमाल करने से डर रहा था क्योंकि आतंकवादियों के पास ऑयोमैटिक वैपन थे.
सुबह 9:45 बजे उसने मैसेज भेजा, "वे अंदर आ गए हैं." जल्द ही हमास आतंकवादियों द्वारा सामने का दरवाज़ा खोलने का एक वीडियो सामने आएगा.
कुछ घंटों बाद एक वीडियो प्रसारित हुआ जिसमें शिरी ने दोनों लड़कों को अपनी बाहों में पकड़ रखा था. उसके चेहरे पर दहशत के भाव थे क्योंकि वह आतंकवादियों से घिरी हुई थी. उसके लड़के उसकी छाती से चिपके थे.उसने उन्हें एक कंबल ने ढंक रखा था.
तीन दिन बाद एक और तस्वीर सामने आई जिसमें यार्डन बिबास खून से लथपथ दिख रहा था. एक आतंकवादी ने एक हाथ से उसका गला पकड़ रखा था और दूसरे ने हाथ में हथौड़ा पकड़ रखा था.
शिरी के माता-पिता को किबुत्ज़ में उनके घरों में जिंदा जला दिया गया था. उनकी बेटी शिरी को गाजा में रखा गया है. अभी तक इसके बारे में कोई खबर नहीं है कि किबुत्ज़ के इस चार सदस्यों वाले परिवार का अपहरण कर उन्हें बंधक बनाकर ही रखा गया या उन्हें मार दिया गया.
एली ने कहा,"किसी ने भी ऐसे दुःस्वप्न की कल्पना नहीं की होगी."
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