वर्ष 2022 में कम से कम 65,960 भारतीय आधिकारिक तौर पर अमेरिकी नागरिक बन गए और इसी के साथ जिन देशो के लोगों को अमेरिकी नागरिकता मिली है, उनकी संख्या के मामले में भारत मेक्सिको के बाद दूसरे नंबर पर पहुंच गया है. अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के अमेरिकी सामुदायिक सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में विदेशी मूल के अनुमानित चार करोड़ 60 लाख लोग अमेरिका में रहे जो अमेरिका की कुल 33 करोड़ 33 लाख आबादी का लगभग 14 प्रतिशत हिस्सा है.
स्वतंत्र ‘कांग्रेशनल अनुसंधान सेवा' (सीआरएस) की वित्त वर्ष 2022 के लिए ‘यूएस नेचुरलाइजेशन पॉलिसी' (अमेरिकी नागरिकता नीति) पर 15 अप्रैल की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2022 में 9,69,380 व्यक्ति अमेरिकी नागरिक बने.
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘अमेरिकी नागरिकता पाने वाले लोगों में मेक्सिको में पैदा हुए लोगों की संख्या सबसे अधिक रही. इसके बाद भारत, फिलीपीन, क्यूबा और डोमिनिकन गणराज्य के लोगों को सर्वाधिक संख्या में अमेरिकी नागरिकता मिली.''
सीआरएस ने बताया कि 2022 में मेक्सिको के 1,28,878 नागरिक अमेरिकी नागरिक बने. उनके बाद भारत (65,960), फिलीपीन (53,413), क्यूबा (46,913), डोमिनिकन गणराज्य (34,525), वियतनाम (33,246) और चीन (27,038) के लोगों को अमेरिकी नागरिकता मिलीय
उसने बताया कि 2023 तक विदेशी मूल के अमेरिकी नागरिकों में भारत के लोगों की संख्या 2,831,330 थी जो मेक्सिको के (10,638,429) के बाद दूसरी सर्वाधिक संख्या है. इसके बाद इस सूची में चीन (2,225,447) का नंबर है. सीआरएस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिका में रहने वाले भारत में जन्मे लगभग 42 प्रतिशत विदेशी नागरिक वर्तमान में अमेरिकी नागरिक बनने के लिए अयोग्य हैं.
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