खचाखच भरी थी बिल्डिंग, नहीं मिला निकलने का मौका... कुवैत फायर डिपार्टमेंट ने बताया कैसे जिंदा जल गए 49 लोग

इस बिल्डिंग में 160 से ज्यादा मजदूर रह रहे थे. इनमें से ज्यादातर भारतीय कामगार थे. कुछ पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मजदूरों के भी रहने की पुष्टि हुई है. ये भी एक ही कंपनी के लिए काम करते थे.

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नई दिल्ली:

मिडिल ईस्ट देश कुवैत की एक लेबर बिल्डिंग में बुधवार को भीषण आग लग गई. हादसे में 40 भारतीयों समेत कुल 49 लोगों की मौत हो गई है. जबकि 30 से ज्यादा जख्मी बताए जा रहे हैं. हादसा मंगाफ शहर के एक लेबर कैंप में हुआ. घटना स्थानीय समयानुसार सुबह 6 बजे हुई. 'कुवैत टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, 6 मंजिला बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर के किचन में आग लगी. बताया जा रहा है कि किचन में सिलेंडर फटा था, जिससे आग लगी. देखते ही देखते यह बाकी मंजिलों पर फैल गई. फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है. इस बीच NDTV ने कुवैत फायर डिपार्टमेंट के लेफ़्टिनेंट कर्नल अली से खास बातचीत की है. इस दौरान कर्नल अली ने बताया कि आग कैसे लगी थी और वो इतनी भयावह कैसे हो गई.

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कुवैत फायर डिपार्टमेंट के लेफ़्टिनेंट कर्नल अली ने बताया, "इस बिल्डिंग में 160 से ज्यादा मजदूर रह रहे थे. इनमें से ज्यादातर भारतीय कामगार थे. कुछ पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मजदूरों के भी रहने की पुष्टि हुई है. ये सभी एक ही कंपनी के लिए काम करते थे. अभी तक आग में 45 से ज्यादा लोगों के मरने की पुष्टि हुई है." 

तेजी से फैली आग, मजदूरों को नहीं मिला निकलने का मौका
उन्होंने कहा, "आग बहुत तेजी से फैली. मजदूरों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला. वो बिल्डिंग में फंस गए थे. इमरजेंसी सर्विसेस से उन्हें निकाला गया. हादसे में 30 से ज्यादा जख्मी हुए हैं, उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया है. कुवैत सरकार घायलों की हर तरीके से मदद कर रही है."

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कुवैत फायर डिपार्टमेंट के लेफ़्टिनेंट कर्नल अली ने कहा, "ऐसी घटना भविष्य में न हो, इसके लिए जरूरी सावधानियां बरती जा रही हैं. सुरक्षा के उपाय भी अपनाए जा रहे हैं."

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भारतीय दूतावास ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
कुवैत में भारतीय दूतावास ने X पर एक पोस्ट में कहा, "भारतीय श्रमिकों से जुड़ी आग की दुखद घटना के संबंध में दूतावास ने एक इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर +965-65505246 शुरू किया है. सभी संबंधित लोगों से अनुरोध है कि वे अपडेट के लिए इस हेल्पलाइन से जुड़ें. दूतावास हर संभव सहायता करेगा."

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अवैध रूप से रह रहे थे कई लोग
गृह मंत्री शेख फहद अल-यूसुफ ने बताया कि बिल्डिंग में कई लोग अवैध रूप से रह रहे थे. इसलिए आग लगने के समय भगदड़ भी मची. जिसमें कई लोगों को चोटें आईं. अफरा-तफरी के बीच कई लोग अंदर फंसे रह गए. धुएं में दम घुटने से उनकी जान चली गई. अभी मरने वालों के बारे में पुख्ता जानकारी नहीं है.

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NBTC ग्रुप की थी ये बिल्डिंग
मलयाली मीडिया 'ऑनमनोरमा' की रिपोर्ट के मुताबिक, बिल्डिंग में रहने वाले भारतीय कामगार केरल और तमिलनाडु से थे. यह बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन सेक्टर की कंपनी NBTC ग्रुप की थी. इस बिल्डिंग के मालिक मलयाली व्यापारी केजी अब्राहम हैं. केजी अब्राहम केरल के तिरुवल्ला के बिजनेसमैन हैं.

PM मोदी ने जताया दुख
इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना को लेकर दुख जताया है. मोदी ने X पर पोस्ट किया, "कुवैत में आग लगने की घटना दुखदायी है. मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है. मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं. कुवैत में भारतीय दूतावास स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है. दूतावास प्रभावितों की सहायता के लिए अधिकारियों के साथ काम कर रहा है." कुवैत हादसे को लेकर पीएम मोदी ने अपने आवास पर एक हाई लेवल मीटिंग भी की.

राहुल गांधी ने भी जताई संवेदना
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी इस हादसे पर दुख जताया है. उन्होंने X पर पोस्ट किया, ‘कुवैत सिटी में आग लगने से 40 से अधिक भारतीयों की मौत की भयावह खबर से स्तब्ध हूं. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है. मैं सभी घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं. मिडिल ईस्ट में हमारे मजदूरों की स्थिति गंभीर चिंता का विषय है. भारत सरकार को अपने समकक्षों के साथ मिलकर अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए और सम्मानजनक जीवन स्तर सुनिश्चित करना चाहिए."