मुझसे शादी और बच्चे करना चाहता था हमास आतंकी, रिंग देकर किया था प्रपोज : इजरायली लड़की ने बताया कैद में कैसे गुजारे 50 दिन

नोगा वीस को बीते साल 25 नवंबर को रिहा किया गया है. गाजा में बिताए दिनों को याद करके उन्होंने कहा, "उस आदमी ने कैद के 14वें दिन मुझे एक रिंग दी थी. उसने कहा- सभी को रिहा कर दिया जाएगा, लेकिन तुम यहां मेरे साथ रहोगी. मैं तुमसे शादी करूंगा और तुम मेरे बच्चे पैदा करोगी."

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हमास के आतंकियों ने नोगा वीस को किबुत्ज़ बेरी स्थित उनके घर से अगवा किया था.
गाजा:

इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास (Hamas) के बीच 7 अक्टूबर 2023 से जंग चल रही है. 7 अक्टूबर को हमास ने गाजा पट्टी (Gaza Strip) से इजरायल की ओर 5 हजार से ज्यादा रॉकेट दागे थे. हमास के लड़ाके इजरायल से 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बनाकर गाजा ले गए थे. इजरायल उसके बाद से जवाबी कार्रवाई कर रहा है. सीजफायर समझौते के तहत 100 से ज्यादा बंधक रिहा कर दिए गए हैं. लेकिन कई लोग अभी भी हमास की कैद में हैं. 18 साल की इजरायली लड़की नोगा वीस 50 दिनों बाद हमास की कैद से रिहा हुई हैं. उन्होंने खुलासा किया कि हमास के एक लड़ाके ने उन्हें प्रपोज किया था. वह उनसे शादी करना चाहता था और बच्चे पैदा करना चाहता था.

टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक, नोगा वीस ने गाजा में बिताए दिनों को याद करके कहा, "उस आदमी ने कैद के 14वें दिन मुझे एक रिंग दी थी. उसने कहा- सभी को रिहा कर दिया जाएगा, लेकिन तुम यहां मेरे साथ रहोगी. मैं शादी करूंगा और तुम मेरे बच्चे पैदा करोगी." नोगा कहती हैं, ''तब मैंने जान बचाने के लिए हंसने का नाटक किया, ताकि वह मेरे सिर में गोली न मार दे.''

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7 अक्टूबर को घर से हुआ था अपहरण
7 अक्टूबर 2023 को रॉकेट हमलों के बाद हमास के हजारों लड़ाके गाजा पट्टी से इजरायल घुस आए थे. हमास के लड़ाकों ने कई इजरायलियों की उनके घर में घुसकर हत्या की. कइयों को बंधक बनाकर अपने साथ ले गए. इन बंधकों में ज्यादातर महिलाएं, बच्चे और लड़कियां शामिल हैं. नोगा वीस उस वक्त किबुत्ज़ बेरी में अपने घर पर थीं. उनके पिता इलान (56) किबुत्ज़ इमरजेंसी टीम में शामिल होने के लिए घर से निकले थे, फिर कभी नहीं लौटे. बाद में पुष्टि हुई कि उसी दिन उनकी हत्या कर दी गई थी. लाश गाजा ले जाया गया था.

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कई लोगों के घरों में लगा दी थी आग
भयानक रात को याद करते हुए नोगा वीस कहती हैं, "आतंकवादियों ने दरवाजे पर गोलीबारी शुरू कर दी थी. उनलोगों ने करीब  40 गोलियां चलाईं. वॉट्सऐप चैट से मुझे पता चला कि बाहर क्या हो रहा है. कई लोगों ने एक वॉट्सऐप ग्रुप में बताया कि उनके घरों में आग लगा दी गई है. इसके कुछ देर बाद उन्होंने जवाब देना बंद कर दिया."

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मां ने बेटी को बेड के नीचे छिपाया
इस दौरान नोगा वीज की मां ने अपनी बेटी को बेड के नीचे छिप जाने को कहा. शायद उन्होंने सोचा होगा कि आतंकी उसे मार देंगे, लेकिन उनकी बेटी महफूज रहेगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. नोगा बताती हैं, "मां ने मुझे बेड के नीचे छिपने के लिए कहा था. मैं बेड के नीचे छिपी भी थी. लेकिन वो लोग आ गए. मुझे जबरन अपने साथ लेकर गए. बाद में मैंने गोलियों की आवाजें भी सुनी. पहले मुझे लगा कि मुझे गोली मार दी गई है. लेकिन मैं जिंदा थी और हमास की कैद में थी."

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नोगा ने खुलासा किया कि हमास के आतंकियों ने मेरे घर के दरवाजे पर फायरिंग की थी. हमास के लड़ाकों ने नोगा की मां को भी बंधक बना लिया था. दोनों को अलग-अलग गाजा ले जाया गया. कई दिनों सुरंग में बंधक बनाकर रखा गया. फिर एक प्राइवेट हाउस में भी रखा गया. यहीं पर कई दिनों बाद मां-बेटी की मुलाकात हुई.

शादी की मंजूरी के लिए मां से भी मिलवाया
नोगा यह भी बताती हैं कि आतंकियों ने उसकी मां को इसलिए जिंदा रखा और उनसे मिलवाया, क्योंकि एक आतंकी उससे शादी करना चाहता था. नोगा कहती हैं, "उसने मुझे रिंग देते हुए कहा था कि वो मुझसे प्यार करता है. मुझसे शादी करना चाहता है. इसलिए मेरी मां को मिलवाने लाया है, ताकि वो इस शादी की रजामंदी दे दें." हालांकि, नोगा की मां ने इस शादी के प्रस्ताव को विनम्रतापूर्वक से अस्वीकार करने की कोशिश की. लेकिन हमास का लड़ाका शादी करने की जिद पर अड़ा हुआ था. 

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हमास की कैद में बिताए दुर्भाग्यपूर्ण दिनों के बारे में बात करते हुए नोगा कहती हैं, "मैंने आतंकियों की कैद से भागने और छिपने की कोशिश की, लेकिन उनमें से एक ने मुझे देख लिया. वो मुझे यार्ड में ले गया. लगभग 40 आतंकवादी हथियार लेकर मेरे आसपास थे. एक ने मेरे हाथों में हथकड़ी लगा दी. उन्होंने मुझे एक कार में बिठाया और गाड़ी चलाने लगे."

नोगा बताती हैं, "कार के गाजा में पहुंचते ही वो लोग खुश हो गए. मुझे समझ नहीं आया कि वे मुझे गोली मारने में देरी क्यों कर रहे थे." हालांकि, सीजफायर डील के तहत बीते साल 25 नवंबर को नोगा और उनकी मां को रिहा कर दिया गया है.

नोगा वीस कहती हैं, "आज तक मैं उस बात को भूल नहीं पाई हूं. उन्होंने मुझे गोली क्यों नहीं मारी. मैं 50 दिन 24 घंटे इस सोच के साथ थी कि वे थक जाएंगे और मुझे गोली मार देंगे. लेकिन ऐसा नहीं किया गया. गाजा में हमारे साथ बहुत बुरा सलूक किया गया. वो हमे पीने के लिए आधा लीटर पानी देते थे, जिसे 2 दिन चलाना होता था. सोचिए आप ऐसे कैसे जिंदा रह सकते हैं और कब तक?" अपने पिता को याद करते हुए वह कहती हैं, "जब तक गाजा पट्टी में एक भी इजरायली बंधक हैं, तब तक मैं अपने पिता के जाने का शोक नहीं मना सकती.


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