पाकिस्तान में पोलियो के 12 मामले सामने आए, उन्मूलन की कोशिशों को लगा झटका

समाचार पत्र 'द डॉन' की खबर के अनुसार, सभी 12 मामले खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के उत्तरी वजीरिस्तान जिले से सामने आए हैं. इनमें से नौ मामले अकेले मीर अली इलाके दर्ज किए गए हैं. खबर में कहा गया है कि अन्य इलाके भी इस संदर्भ में संवेदनशील हैं.

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पाकिस्तान में पोलियो के 12 मामले आए सामने
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान में इस साल पोलियो के 12 मामले सामने आए हैं, जिसके चलते देश से इस बीमारी को खत्म करने के प्रयासों को झटका लगा है. ये सभी मामले अफगानिस्तान की सीमा से लगे उत्तरी वजीरिस्तान कबायली जिले में दर्ज किए गए हैं. पाकिस्तान और अफगानिस्तान दो ऐसे देश हैं, जहां पोलियो की बीमारी अभी तक खत्म नहीं हुई है. सबसे ताजा मामला बृहस्पतिवार को उत्तरी वजीरिस्तान जिले के मीर अली इलाके में सामने आया है, जिसमें 18 जून को 21 महीने का बच्चा पोलियो का शिकार हुआ है. बच्चे के दाहिने पैर में लकवा हुआ है. प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है.

समाचार पत्र 'द डॉन' की खबर के अनुसार, सभी 12 मामले खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के उत्तरी वजीरिस्तान जिले से सामने आए हैं. इनमें से नौ मामले अकेले मीर अली इलाके दर्ज किए गए हैं. खबर में कहा गया है कि अन्य इलाके भी इस संदर्भ में संवेदनशील हैं.

खबर में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है, ''खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के उत्तरी और दक्षिणी वजीरिस्तान, डेरा इस्माइल खान, बन्नू, टांक, और लक्की मरवत पोलियो वायरस संक्रमण के मामले में उच्च जोखिम वाले जिलों में शामिल हैं.'' अधिकारी ने कहा, ''बन्नू में भी इस साल अप्रैल और मई में दो मामले सामने आए थे, जिससे इस बात की पुष्टि होती है कि पोलियो केवल उत्तरी वजीरिस्तान तक सीमित नहीं है.'' 

इस बारे में खैबर-पख्तूनख्वा के विशेष सहायक मोहम्मद अली सैफ ने कहा है कि प्रांतीय सरकार पोलियो को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है. बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि प्रांतीय सरकार प्रांत को पोलियो मुक्त बनाने के लिए काम कर रही है. 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अप्रैल में कहा था कि उनकी सरकार देश में पोलियो के सभी रूपों को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने इस बीमारी को खत्म करने में मदद के लिए अमेरिकी परोपकारी बिल गेट्स की सराहना की थी. हाल के वर्षों में पाकिस्तान में चरमपंथियों द्वारा पोलियो टीकाकरण टीमों को निशाना बनाए जाने के कई मामले सामने आए हैं, जिन्होंने इस गंभीर बीमारी के उन्मूलन के प्रयासों को गंभीर रूप से बाधित किया है.

चरमपंथियों का दावा है कि पोलियो की दवा बांझपन का कारण बनती है. पाकिस्तान में पिछले साल पोलियो का केवल एक मामला सामने आया था, जिससे यह उम्मीद बंध गई थी कि पोलियो खत्म होने के कगार पर है, हालांकि इस साल अप्रैल में इसका पहला मामला सामने आ गया.अप्रैल से अब तक पोलियो के मामलों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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