बेहद अफसोस की बात है कि नोटबंदी जैसे ऐतिहासिक मसले पर संसद में पर्याप्त चर्चा नहीं हुई. शुरुआती चर्चा के बाद हंगामा ही होता रहा जबकि इससे जुड़ी परिस्थितियां और दावे लगातार बदल रहे हैं. राहुल गांधी ने जब करारा हमला किया तो बीजेपी ने भी करारा जवाब दिया.