सिंपल समाचार में आज असम में जारी हुए NRC की बात. इस डेटा से तय किया जाएगा कि असम का असली नागरिक कौन हैं और घुसपैठिया कौन हैं. हम जानेंगे कि इसके पीछे इतिहास क्या है. असम में जारी हुए इस डेटा में 40 लाख लोगों के नाम नहीं है. इस पर हाहाकार मचा है. इस डेटा में एक ही परिवार में कुछ ऐसे लोग हैं, जिसमें भाई का नाम नहीं है बहन का नाम आ गया है. असम का यह पहला NRC नहीं है. 1951 में भी यह जारी किया गया था.