अभी तक वो लोकपाल नहीं आया है, जिसे भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ कर फेंकना था, नोटबंदी आ गई है, जिसके बारे में दावा है कि भ्रष्टाचार दूर करने का ऐतिहासिक कदम है. ऐतिहासिक तो लोकपाल को भी कहा गया था. सदन में पेश किये जाने के 46 साल बाद लोकपाल कानून पास हुआ था. इतिहास बनकर भी लोकपाल का वर्तमान नहीं बन सका. सबक यही है कि इतिहास बनाने से वर्तमान नहीं बनता है.