Marathi Language Controversy: आपने ये डायलॉग ज़रूर सुना होगा — "आता माझी सटकली!" ये मराठी भाषा के शब्द हैं, लेकिन इसे पूरे देश ने अपनाया, खासकर हिन्दी भाषी लोगों ने। जब सिंघम फिल्म में ये डायलॉग आया, तो किसी ने थिएटर में ये नहीं कहा कि हमें मराठी क्यों सुनाया जा रहा है। किसी ने कुर्सियां नहीं तोड़ीं, किसी ने पोस्टर नहीं फाड़े, किसी ने हिंसा नहीं फैलाई। उल्टा, लोगों ने इसे सिर आंखों पर बिठा लिया और इसे हिन्दी सिनेमा के सबसे पॉपुलर डायलॉग्स में शामिल कर लिया। क्योंकि उन्हें फर्क नहीं पड़ा कि भाषा कौन सी है, उन्हें उस डायलॉग की ताक़त और जज़्बा महसूस हुआ। लेकिन अब सोचिए, मराठी भाषा की राजनीति करने वाले कुछ लोग क्या कर रहे हैं? पिछले दिनों मुम्बई में कई लोगों को सिर्फ इसलिए पीटा गया क्योंकि वो हिन्दी बोल रहे थे, लेकिन मराठी नहीं जानते थे। एक महिला को सिर्फ इसलिए अपशब्द कहे गए क्योंकि वो हिन्दी भाषा की इज़्ज़त कर रही थी और इसका अपमान नहीं सह पाई। और सबसे बड़ी विडम्बना तो ये है कि पहले तो ये लोग हिन्दी भाषियों को पीटते हैं, और फिर सड़कों पर उतरकर खुद को गांधीवादी बताने लगते हैं।