नफरत से भड़की हिंसा में जीत किसी की नहीं होती और नुकसान सबका होता है. इस हिंसा में एक मस्जिद के इमाम की मौत हुई तो वहीं बजरंग दल के एक कार्यकर्ता पैंतीस वर्षीय शक्ति सैनी की भी मौत हो गई. शक्ति सैनी के घर पहुंचे तो उनके रोते बिलखते पिता एक ही बात बार-बार दोहराते रहे कि न्याय चाहिए इंसाफ चाहिए.