75 साल के पोन्नम मलैया बीते 19 साल से कोलकाता के देगंगा गांव बिना किसी रसायन के इस्तेमाल के नेचुरल फार्मिंग यानी प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. इसी गांव के किसान गिरि बाबू कहते हैं कि रासायनिक खाद और कीटनाशकों के डीलर पहले उनका मज़ाक उड़ाया करते थे. खेती से जुड़े अफसर भी कहते थे कि नीम, गाय का गोबर और गोमूत्र कभी महंगे रसायनों का मुकाबला नहीं कर सकते. अब वो और उन जैसे कई किसान रासायनिक खेती छोड़ने की इच्छा रखने वाले किसानों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. उन्हें प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं जो ज़्यादा मुनाफ़ेदार है.