सरकार जब 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने को ऐतिहासिक बता रही थी, तो उसी समय 33 लाख कर्मचारियों में से 32 लाख कर्मचारियों के संगठन हड़ताल पर जाने का एलान कर रहे थे। इनका कहना है कि सारा लाभ ऊंचे स्तर के अफसरों ने ले लिया। नीचे वाले को कम मिला बल्कि कुछ मिला ही नहीं।