गुजरात सरकार के गरीबी रेखा के नए मापदंड ने एक नई बहस छेड़ दी है, लेकिन जब इस बहस में अर्थशास्त्री बात करते हैं तो मामला टेक्निकल हो जाता है और जब नेता बात करते हैं तो टेक्नीकलर हो जाता है... तो इन्हीं टेक्निकल और टेक्निकलर बातों के बीच पूरे मामले को समझने की एक कोशिश...