बीते क़रीब 80 साल से चली आ रही एक बड़ी बहस, एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच ही गई. उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है जिसने यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता को लागू कर दिया है. हर व्यक्ति के निजी जीवन के कई पहलुओं से जुड़े इस मामले को यहां तक पहुंचाना आसान नहीं था. लिहाज़ा हर पहलू पर बहुत ही बारीकी से काम किया गया. उत्तराखंड सरकार ने इसके लिए 27 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यों की एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया. समिति ने 70 अलग अलग मंचों पर राज्य के अंदर और बाहर रह रहे साठ हज़ार से ज़्यादा लोगों के साथ विस्तार से चर्चा की, सवा दो लाख से ज़्यादा लोगों के ऑनलाइन लिखित फीडबैक का अध्ययन किया और इस सबके आधार पर तैयार साढ़े सात सौ पन्नों की रिपोर्ट पिछले साल दो फरवरी 2024 को उत्तराखंड सरकार को सौंप दी. उत्तराखंड कैबिनेट ने इस रिपोर्ट के आधार पर विधेयक पास किया जिसे राष्ट्रपति ने मंज़ूरी दी. इसके बाद विस्तार से इसकी नियमावली बनाई गई जिसे 20 जनवरी को उत्तराखंड कैबिनेट ने पास किया और 27 जनवरी से पुष्कर सिंह धामी सरकार ने इसे राज्य भर में लागू कर दिया.