हम आपको कहानियां दिखा रहे हैं उन लोगों की, उन योद्धाओं की, जो आगे आकर कोविड-19 की इस दूसरी लहर में काम कर रहे हैं. मुंबई के दत्तात्रेय सांवत वैसे तो पेशे से एक अध्यापक हैं, लेकिन वो पार्ट टाइम ऑटो भी चलाते हैं. उन्होंने अपने ऑटो रिक्शा को एक एंबुलेंस में बदल डाला है. कोविड के मरीजों को और नॉन कोविड के मरीजों को वो अस्पताल और कोविड सेंटर से लाते-जाते हैं. इसके लिए वो कोई पैसा नहीं लेते हैं.