कोविड से मौतों के आघात और आजीविका के नुकसान के कारण परिवार संकट में हैं. बच्चों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. बाल और किशोर मनोचिकित्सक और चिल्ड्रन फर्स्ट के निदेशक व सह-संस्थापक डॉ अमित सेन ने जोर देकर कहा कि बच्चों और किशोरों पर COVID-19 का प्रभाव महीनों, वर्षों और यहां तक कि पीढ़ियों तक रहेगा. डॉ सेन ने कहा कि वायरस के अलावा लॉकडाउन ने युवा वयस्कों के जीवन को अभूतपूर्व तरीके से बाधित कर दिया है. समय गुजरने के साथ इसके प्रभाव के रूप में संभवत: हम युवाओं में आत्महत्या या मादक द्रव्यों के सेवन जैसे दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरणों में वृद्धि देखेंगे.