दाग़ी नेताओं को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि गंभीर अपराधों में सिर्फ़ आरोप तय होने भर से उन्हें अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता. यानी जब तक सज़ा नहीं होती है तब तक ऐसे उम्मीदवार चुनाव लड़ सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'राजनीति के अपराधीकरण से लोकतंत्र की बाधाएं बढ़ रही हैं. भ्रष्टाचार राष्ट्रीय आर्थिक आतंक है. ये संसद का कर्तव्य है कि वो पैसा और बाहुबल को राजनीति से दूर रखें. वक़्त आ गया है कि संसद इस पर क़ानून लाए ताक़ि अपराधी राजनीति से दूर रहें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, प्रत्याशियों को फ़ॉर्म भरकर मोटे अक्षरों में आपराधिक केसों की जानकारी देनी होगी. पार्टी को भी इन केसों के बारे में बताना होगा. पार्टियां इन जानकारी को वेबसाइट पर डालेंगी और नामांकन के वक़्त इनका प्रचार करेंगी.