लोकपाल को सब भूल चुके हैं. भूल चुके हैं कि लोकपाल को लेकर दिल्ली ने इतने बड़े आंदोलन देखे कि कभी संसद को विशेष सत्र बुलाना पड़ा और कभी मंत्रियों को एयरपोर्ट जाकर अण्णा हज़ारे का स्वागत करना पड़ा. भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर तब जो आंदोलन छेड़ा गया, लोकपाल बिल उसी का नतीजा था. सच तो ये है कि इसी आंदोलन ने ऐसा सरकार विरोधी माहौल बनाया कि राजनीतिक परिदृश्य से उन दिनों लगभग गायब दिख रही बीजेपी अचानक उठ खड़ी हुई. इसके बाद की कहानी सबको मालूम है. लेकिन लोकपाल का क्या हुआ?