सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, राइट टु प्राइवेसी मौलिक अधिकारों का हिस्सा है
प्रकाशित: अगस्त 24, 2017 11:06 AM IST | अवधि: 4:07
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एक बेहद अहम फैसले के तौर पर सुप्रीम कोर्ट ने निजता के अधिकार, यानी राइट टु प्राइवसी को मौलिक अधिकारों, यानी फन्डामेंटल राइट्स का हिस्सा करार दिया है. नौ जजों की संविधान पीठ ने 1954 और 1962 में दिए गए फैसलों को पलटते हुए कहा कि राइट टु प्राइवेसी मौलिक अधिकारों के अंतर्गत प्रदत्त जीवन के अधिकार का ही हिस्सा है.