छात्रों में लीडरशिप विकसित करने, आत्मविश्वास बढ़ाने और जिम्मेदार बनाने की कोशिश के लिए दिल्ली के एक हजार से ज्यादा सरकारी स्कूलों स्कूल एडवाइजरी बोर्ड का गठन किया गया है. बोर्ड में सातवीं से ग्यारहवीं के छात्र होते हैं. छात्र चुनाव जीतकर बोर्ड के सदस्य बनते हैं. चुनाव जीतने के लिए चुनावी वादे भी होते हैं. चुनाव जीतने के बाद छात्र अपने में से दो जनरल सेक्रेटरी चुनते हैं. एक स्कूल के स्टूडेंट एडवाइजरी बोर्ड में बीस से तीस सदस्य हो सकते हैं.