रवीश कुमार का प्राइम टाइम: गर्व का पर्व, गर्व ही गर्व और गर्म ही गर्म

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  • प्रकाशित: अप्रैल 25, 2022
भारत में पर्व की कमी नहीं है मगर गर्व की कमी थी. व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी ने कई साल लगाकर पहले बेरोज़गारी और आर्थिक तंगी में डूबे लोगों के अतीत की हीन भावना का बोध कराया फिर उन्हें वर्तमान आर्थिक हीनता से निकालने के लिए गर्व का गेम थमा दिया. 

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