रवीश कुमार का प्राइम टाइम: कितने तैयार हैं हम और हमारे वैज्ञानिक?

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  • प्रकाशित: अप्रैल 01, 2020
तालाबंदी के कई दिन गुजर जाने के बाद कहीं हम ढीले तो नहीं पड़ते जा रहे हैं? याद रखें न ही मनोबल छोटा करना है न ही अपने आप को ढीला करना है. कई जगहों पर रास्ते को बंद की जा रही है लेकिन ऐसा न करें आपात हालत में इससे दिक्कत हो सकती है. कोरोना को लेकर अब तक कोई टिका नहीं बन पाया है. लेकिन इस वायरस के व्यवहार को समझने के लिए कई प्रयोग हो रहे हैं. इसी मुद्दे पर परिमल कुमार ने CSIR के DG से बात की है.

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