NDTV Khabar

रवीश कुमार का प्राइम टाइम: क्या है फेक न्यूज का नया सरगना डीप फेक वीडियो?

 Share

झूठ के पैर नहीं होते, लेकिन टेक्नोलॉजी ने झूठ को ताकतवर बना दिया है. अभी हम जैसे ही लोग परेशान हैं कि जो बात कही भी नहीं होती वो भी तस्वीर के साथ लिखकर वायरल हो रही होती है. ऑल्ट न्यूज़ जैसी साइट वायरल तस्वीर और वायरल वीडियो के पीछे का झूठ तो पकड़ लेते हैं लेकिन वो उन सभी के पास नहीं पहुंच पाता है, जिनके व्हॉट्सऐप के इन बॉक्स में झूठ पहुंचा होता है. जैसे इस तस्वीर को यह बता कर चला दिया गया कि मैं हूं और शाहीन बाग के प्रोटेस्ट में बैठा हूं. पहले ये मज़ाक के तौर पर चलना शुरू हुआ, लेकिन धीरे धीरे मज़ाक के नीचे गाली दी जाने लगी. इसके झांसे में मेरे दोस्त परिचित भी आ गए और पूछने लगे कि कब गए थे? मेरे पास यह तस्वीर कई ज़रिए से पहुंचने लगी. फेसबुक पर पोस्ट किया तो कमेंट में यह तस्वीर पोस्ट किया जाने लगा. यह कहकर कि पहचानो कौन है? हमने कई ऐसे ट्विटर हैंडल देखे तो एक राजनीतिक धारा के लगते हैं. जिनके हैंडल से यह तस्वीर शेयर की गई. मज़ाक के तौर पर रवीश कुमार बता कर. बहुत लोग जानते हैं कि फेक है लेकिन बहुत लोग जिनकी गर्दन इनबॉक्स में गड़ी रहती है बाहर नहीं देख पाते कि सही भी है या नहीं.



Advertisement

 
 
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com