बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ. आप इस नारे को लिखा देखे बिना भारत में सड़क की कोई यात्रा पूरी नहीं कर सकते. क्या ये नारे सरकार की तरफ से लिखवाए गए हैं, या इन गाड़ी वालों ने अपनी तरफ से लिखवाए हैं या फिर पेंटर ही हर गाड़ी के पीछे लिखते जाता है, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ. मेरे पास इन तीनों प्रश्नों के जवाब नहीं हैं. इतना ज़रूर लगता है कि भारत की सड़कों पर सबसे ज़्यादा दिखने वाला स्लोगन बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ही होगा. सवाल आपसे हैं कि इस स्लोगन को देखते हुए क्या आप बेटियों के बारे में सोचते हैं? क्या ख़ुद को ख़तरे के रुप में देखते हैं जिनसे बेटियों को बचाना है या आप देख कर भी अनदेखा करते हैं. शायद आप कुछ नहीं सोचते होंगे.