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रवीश कुमार का प्राइम टाइम : जब हिरासत में हो लोकतंत्र

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जब कई साल से गोदी मीडिया विपक्ष को रोकने में लगा ही हुआ है तब फिर प्रशासन क्यों विपक्ष को रोकने के लिए इतनी मेहनत करता रहा. जिस पुलिस और कानून व्यवस्था को काम करने देने के नाम पर विपक्ष को रोका गया, उसका कुछ रिकॉर्ड शुरू में ही बता देता हूं. बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर मामले में कौन सी कानून व्यवस्था काम कर रही थी आप फिर से पूरी स्टोरी सर्च कर सकते हैं. गोरखपुर में मनीष गुप्ता की हत्या के संबंध में भी मुआवजे और नौकरी का एलान हो गया लेकिन अभी तक पुलिस ने छह पुलिसवालों को गिरफ्तार नहीं किया है. पिछले साल उसी गोरखपुर की पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर और दो सिपाहियों ने सर्राफा व्यापारियों से 35 लाख का सोना चांदी लूट लिया था. तीन पुलिस वाले गिरफ्तार हो गए थे. पिछले एक साल से महोबा का पूर्व एसपी आईपीएस मणिलाल पाटिदार फरार है. उस पर बिजनेसमैन इंद्र कांत त्रिपाठी की हत्या का आरोप है. इसके बाद भी गोदी मीडिया के कार मुमकिन है कई लोगों को विपक्ष का इस तरह से रोका जाना ग़लत नहीं लगेगा, ऐसे लोगों को अब ग़लत लगता ही नहीं है. आज गांधी होते और चंपारण जा रहे होते तो गोदी मीडिया के ये एंकर गांधी को भी आतंकवादी करार देते और कहते कि गांधी जी दक्षिण अफ्रीका से आकर चंपारण राजनीतिक पर्यटन करने जा रहे हैं. किसानों के पास गांधी चल कर नहीं गए होते तो आज़ादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण मोड़ नहीं आता. अगर वल्लभ भाई पटेल बारदोली सत्याग्रह में किसानों के बीच नहीं गए होते तो वहां की महिला किसानों ने उन्हें सरदार की उपाधि नहीं दी होती. गोदी मीडिया ने आपकी नज़रों में लोकतंत्र की हत्या की प्रक्रिया पूरी कर दी है.



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