मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में वैक्सीन ट्रायल के प्रतिभागी दीपक मरावी की मौत के मामले में दो महीने बीतने के बाद भी विसरा रिपोर्ट क्यों नहीं आई? मंगलवार को हमने ये खबर दिखाई तो सरकार हरकत में आई. हमारे संवाददाता अनुराग द्वारी की रिपोर्ट आप देखिए, वो एक्सक्लूसिव कॉपी लेकर आए हैं. इस रिपोर्ट से और भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. दीपक मरावी की मौत के दो महीने बाद आखिरकार NDTV को उनकी विसरा रिपोर्ट मिल गई है. रिपोर्ट में दो बातें कही गई हैं, इथाइल एल्कोहल और ओमेप्रोजॉल. डॉ अरुण श्रीवास्तव राज्य सरकार की उस कमेटी के मुखिया थे जिसने दीपक मरावी की मौत के मामले में प्रोटोकॉल के पालन की जांच की थी. वे फॉर्मोकोलॉजी यानी औषध विज्ञान के प्रोफेसर भी हैं, लिहाजा इथाइल अल्कोहल के साथ ओमेप्रोजॉल की गुत्थी सुलझाने हम उनके पास पहुंचे. उनसे जब हमने सवाल पूछा कि क्या दोनों के मिश्रण से जहर बन सकता है तो उन्होंने कहा देखिए ओमेप्रोजोल एसिडिटी की दवा है. कुछ लोगों को अल्कोहल की वजह से एसिडिटी होती है, उसमें लेते हैं. ये जहर नहीं बनाता. अगर थेरेपटिक डोज में लिया जाए तो कोई नुकसान नहीं होता.