रवीश कुमार का प्राइम टाइम: फुटबॉल - अब ना नक्सल, ना शोषण का डर

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  • प्रकाशित: मार्च 13, 2020
झारखंड में लातेहार,लोहरदगा और गुमला जैसे कई जिलों से हर साल हजारों लड़कियां घरेलू कामों के लिए बड़े-बड़े शहरों में लाई जाती हैं और यहां कई बार शोषण का शिकार भी होती हैं. जो लड़कियां झारखंड के गांवों में ही रह जाती हैं वो नक्सलियों का शिकार हो जाती हैं. ऐसी ही 6 हजार लड़कियों की जिंदगी में कला और फुटबॉल के माध्यम से नई रोशनी दिखा रही है 'आहन' नाम की संस्था.

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