क्या चुनावों के समय जाति और समुदाय के नेता ही नाराज होते हैं. उन्हें मनाने के नाम पर मंत्रियों की लाइन लगी रहती है, लेकिन नौकरी मांग रहे छात्रों को नाराज क्यों नहीं माना जाता है? उन्हें मनाने के लिए कोई मंत्री उनके हॉस्टल या प्रदर्शन में क्यों नहीं जाता है?