मोदी सरकार के पांच साल हो रहे हैं. तरह-तरह के दावे इन सालों में किए गए. न जाने कितने स्मार्ट सिटी बनाने की बात की गई. बनारस को कुछ ज़्यादा उम्मीद हो गई. आखिर प्रधानमंत्री वाराणसी के सांसद हैं, लेकिन बनारस शहर के बीचों-बीच का एक स्टेडियम बता रहा है कि कैसे बहुत सारी उम्मीदें धूल में मिलती चली गई हैं. वहां लोग टहलते हैं तो धूल की वजह से मुंह में कपड़ा बांधना पड़ता है. केल की प्रैक्टिस करने वाले जिम में नहीं, उसके बाहर प्रैक्टिस करते हैं. दिलचस्प ये है कि इस स्टेडियम के लिए 7 करोड़ से ज़्यादा की रकम तय की गई, चार करोड़ की रकम दे भी दी गई, लेकिन लोग पूछ रहे हैं कि ये रकम लगी कहां.