रेमॉन मैगसेसे के मंच से स्पीच देने के बाद रवीश कुमार से सवाल-जवाब का दौर शुरू हुआ. इस दौरान अनिकेत ने रवीश से पूछा, अगर आप और फिल्मकार अनुराग कश्यप जैसी हस्तियां, जो सवाल पूछती हैं, सोशल मीडिया का इस्तेमाल बंद कर देंगी, तो सवाल कौन पूछेगा...? इस सवाल के जवाब में रवीश कुमार ने कहा, 'सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सरकार को जवाबदेह नहीं बना रहे हैं, बल्कि सरकार को गैर-जवाबदेह बने रहने में मदद कर रहे हैं. ट्विटर और फेसबुक 'पार्टिसिपेटरी डेमोक्रेसी' का भ्रम पैदा करते हैं, लेकिन वास्तव में ये डेमोक्रेसी को मार रहे हैं.' बता दें कि अमूमन सामाजिक कार्यों के लिए दिए जाने वाला रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार रवीश की सामाजिक पत्रकारिता को रेखांकित करता है. इस पुरस्कार से नवाज़े जाने वाले रवीश पहले हिंदी पत्रकार हैं. बहुत नीचे से उन्होंने अपने सफ़र की शुरुआत की और यहां तक पहुंचे हैं. 1996 से रवीश कुमार NDTV से जुड़े रहे हैं. शुरुआती दिनों में वह NDTV में आई चिट्ठियां छांटने का काम करते थे.