रेमॉन मैगसेसे के मंच से स्पीच देने के बाद रवीश कुमार ने रिपोर्टिंग और जर्नलिज्म के वर्तमान स्वरूप पर बात की. उन्होंने कहा, 'अब आपके पास एक्सपर्ट रिपोर्टर नहीं हैं. आपके पास ऐसे रिपोर्टर नहीं हैं जो इनवेस्टिगेट कर सकें और चुनौतियों को स्वीकार कर सकें. आपके पास केवल एंकर हैं जो अपनी सुबह खुद को फिट रखने के लिए जिम में बिताते हैं, उनकी मसल्स एक इंटरव्यू में भी दिखी थी. वे खुद को चॉकलेटी बना रहे हैं. वे न्यूजरूम में आते हैं और सुबह के ट्विटर ट्रोल और रियेक्शन से डिबेट तैयार हो जाती है. इन्हीं के जरिए ग्राउंड तैयार होता है. मैं इन्हें डेली डिलीवरी बॉय ऑफ प्रोपेगेंडा मशीनरी कहता हूं. अगर आप उनकी भाषा का विश्लेषण करेंगे तो वह हिंसा और धमकी से भरी हुई है.'