नागरिकता कानून के विरोध में नागरिकों का बड़ा समूह देश के अलग अलग हिस्सों में सड़कों पर उतर आया है. सभी प्रदर्शनों को कवर करना मुश्किल है क्योंकि इनका स्केल इतना बड़ा है और संगठनों की संख्या बहुत अधिक है. यह प्रदर्शन पूर्वोत्तर खास कर असम में जाकर भाषा और संस्कृति का सवाल लेता है तो दक्षिण में भी यह तमिल प्रश्न बन जाता है. लेकिन समस्त भारत में इसके विरोध का व्यापक स्वरूप इस बात पर जाकर टिकता है कि यह कानून धर्म के आधार पर भेदभाव करता है. सरकार ने बार-बार संसद में कहा कि यह भेदभाव नहीं है लेकिन इसके बाद भी सड़कों पर हो रहे प्रदर्शनों की तस्वीरें बता रही हैं कि इन्हें रिजेक्ट करने का एक ही तरीका है. इनका कवरेज ही न हो लेकिन अगर आप इन प्रदर्शनों की तस्वीरों में झांक कर देखें तो बहुत कुछ दिखता है. दिखता है कि सरकार को अभी भी अपना पक्ष आम जनता के लिए साफ करना है. सड़कों के अलावा इस बिल का विरोध कानून के मोर्चे पर भी हो रहा है.