कोरोना ने छात्रों की दुनिया को दो हिस्सों में बांट दिया है एक तो ऑनलाइन दुनिया और एक ऑफलाइन दुनिया. एक हिस्सा ऑनलाइन पढ़ाई कर रहा है और एक हिस्सा ऑफलाइन होने की वजह से पढ़ाई नहीं कर पा रहा है. एनसीईआरटी ने एक सर्वे किया था जिसमें यह बात सामने आई कि 27 प्रतिशत छात्रों के पास ऑनलाइन पढ़ाई के लिए न तो लैपटॉप है और न ही स्मार्टफोन है. 28 प्रतिशत छात्र और उनके परिवार ने कहा कि बिजली नहीं होने के कारण ऑनलाइन क्लास में बाधा पहुंच रही है. इस सर्वे में 34,000 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया था. हरियाणा के नूह जिले में 70 प्रतिशत बच्चे स्मार्टफोन या इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं होने की वजह से ऑनलाइन क्लास नहीं कर पा रहे हैं. स्थानीय प्रशासन ने युवा ग्रेजुएट की मदद से 'मोहल्ला पाठशाला' शुरू की है ताकि बच्चे पढ़ाई कर सके.