शराब सोच रही थी कि वो बच जाएगी क्योंकि सबका ध्यान मांस पर है. जबकि आफ़त उस पर भी आई हुई थी. मांस ने चालाकी की. यूपी में घिर गया तो नॉर्थ ईस्ट पहुंच गया, फिर केरल चला गया. शराब फंस गई. राष्ट्रीय राजमार्ग यानी नेशनल हाइवे और राजकीय राजमार्ग यानी स्टेट हाइवे के 500 मीटर इधर-उधर अब कोई शराब की दुकान नहीं हुआ करेगी. आदेश सुप्रीम कोर्ट का है. आप मीडिया का कवरेज देखिये. मीट के कवरेज में अवैध को वैध बनाने पर ज़ोर है. लाइसेंस लेना होगा वर्ना पुलिस और सरकार के दम पर उछलने वाली भीड़ हमला कर देगी. शराब के समय ऐसा ज़ोर नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट ने जैसा कहा है वैसा ही पालन होना चाहिए.