मृत्यु की गरिमा का अंदाज़ा उसे स्वीकार करने वाले लोगों से होता है. जयललिता को अंतिम विदाई देने आए कई लाख लोगों ने अपनी नेता को अनुशासित विदाई देकर उनकी मौत को गरिमा ही प्रदान की है. समर्थकों के सैलाब की तरफ से जयललिता को इससे बेहतर श्रद्धांजलि नहीं हो सकती है.