'अंधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी टके सेर खाजा', सिर्फ एक दिन में बनारस के दशाश्वमेध घाट पर बैठकर भारतेंदु हरीश्चंद्र ने यह नाटक लिख दिया था. 1881 का यह नाटक 2017 में भारतेंदु जी के ही बनाए कॉलेज में लौट आया है. भारतेंदु जी ने एक स्कूल की स्थापना की थी, जो आगे चल कर कॉलेज में बना और आजकल चल तो रहा है मगर आगे नहीं चल पा रहा है.